मंगलवार, 24 सितंबर 2019

दमा


/////दमा /////

जिन मकड़ी के जालों मे से अंडे और जीव दूर हो गए हो उन जालो को इकट्ठा कर के साफ़ करके 1 या 2 जाला गुड़ में मिला के सुबह दोपहर शाम को भोजन के बाद देने से सब प्रकार के दमा और खांसी में बहुत लाभ होता है ।

कलकत्ता के होम्योपैथ डाक्टर डी एन रॉय ने इस वस्तु से bletta orienalis नामक दवा तैयार की है । उनका कथन है जिन लोगो पर चर्वी अधिक जम रही है उन लोगो के दमें में ये दवा बहुत लाभ करति है

एक रोगी को 13 वर्ष से दमा की समस्या थी जिस समय दवा दी गयी थी उस समय उसे करीब डेढ़ महीने से तो उसे इतना दम चढ़ता था कि उसको पांच मिनट का आराम मिलना कठिन था खांसी भी उसे बहुत आती थी । छाती और यकृत का भाग बहुत दर्द करता था । न सो सकता था न खा सकता था । उस रोगी को 3 शक्ति की 3 खुराक दो दो घण्टे के अंतर से देने से आशातीत लाभ हुआ ।

सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक डाक्टर सर लाहिड़ी अपनी स्पेशल प्रिपेरेशन्स नामक पुस्तक में लिखते है कि bleta orienalis जो एक प्रकार के मकड़ी और बादा नामक जीवो से तैयार की जाती है दमे के रोग को दूर करने के लिए एक आश्चर्य जनक उपाय है । भिन्न भिन्न स्थिति के आये दुःसाध्य हजारो केसों को इस औषधि ने थोड़े ही दिनों में ठीक किया

ये दवा तैयार किसी भी बड़े होम्योपैथिक केमिस्ट के यहां मिल सकती है

लेखक
गुरुवेन्द्र सिंह
9466623519
संजीवनी परिवार

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