*कर्ण रोग हर तेल*
अर्क पत्र स्वरस,
धतूर पत्र स्वरस
सहजन पत्र स्वरस
लहसुन की लुग्दी प्रत्येक 50 -50ग्राम
तिल का तेल 200 ग्राम
*निर्माण विधि*- प्रथम तीनो स्वरस तेल में डालकर पकाये फिर लहसुन की लुगदी डाल कर पाक करे और ठंडा होने पर छान कर रख ले ।
उपयोग- इस तेल की 2 से 4 बून्द तक दिन में 2-3 बार डालने से कान के रोग, जैसे कर्ण शूल, कर्ण शोध, एवं कर्ण स्राव में लाभ होता है
बैद्य गुरुवेंद्र सिंह
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*मुख्य admin संजीवनी परिवार*