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गुरुवार, 16 मई 2019

सुन्नपन(Numbness)का शरीर में होना  

🌹✍🏻    सुन्नपन(Numbness)का शरीर में होना    ✍🏻🌹

जासु कृपा कर मिटत सब आधि,व्याधि अपार

तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

🌳🌺महिला संजीवनी 🌺🌳

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सुन्नपन(Numbness)का शरीर में होना
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कभी बैठे-बैठे या काम करते हुए आपके शरीर का कोई अंग या त्वचा सुन्नपन(Numbness)हो जाता है कुछ लोग देर तक एक ही मुद्रा में बैठकर काम करते या पढ़ते-लिखते रहते हैं इस कारण रक्त वाहिनीयों तथा मांसपेशियों में शिथिलता आ जाने से शरीर में सुन्नपन हो जाता है शरीर के किसी अंग के सुन्न होने का प्रमुख कारण वायु का कुपित होना है इसी से वह अंग भाव शून्य हो जाता है ये खून के संचरण में रुकावट पैदा होने से सुन्नता आती है यदि शरीर के किसी विशेष भाग को पूरी मात्रा में शुद्ध वायु नहीं मिलती तो भी शरीर का वह भाग सुन्न पड़ जाता है-

जो अंग सुन्न(Numbness)हो जाता है उसमें हल्की झनझनाहट होती है और उसके बाद लगता है कि वह अंग सुन्न हो गया है तब सुई चुभने की तरह उस अंग में धीरे-धीरे लपकन-सी पड़ती है लेकिन दर्द नहीं मालूम पड़ता है-

सुन्नपन(Numbness)होने पर करे ये उपाय-

1- सुबह के समय शौच आदि से निपट कर सोंठ तथा लहसुन की दो कलियों को चबाकर ऊपर से पानी पी लें और यह प्रयोग आठ-दस दिनों तक लगातर करने से सुन्नपन(Numbness)स्थान ठीक हो जाता है-

2- पपीते या शरीफे के बीजों को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर सुन्नपन होने वाले अंगों पर धीरे-धीरे मालिश करें-

3- पीपल के पेड़ की चार कोंपलें सरसों के तेल में मिलाकर आंच पर पकाएं और फिर छानकर इस तेल को काम में लाएं-

4- तिली के तेल में एक चम्मच अजवायन तथा लहसुन की दो पूतियां कुचलकर डालें और फिर तेल को पकाकर और छानकर शीशी में भर लें इस तेल से सुन्नपन(Numbness)स्थान की मालिश करें-

5- बादाम का तेल मलने से सुन्न स्थान ठीक हो जाता है-बादाम घिसकर लगाने से त्वचा स्वाभाविक हो जाती है-

6- सोंठ, पीपल तथा लहसुन-सभी बराबर की मात्रा में लेकर सिल पर पानी के साथ पीस लें और फिर इसे लेप की तरह सुन्नपन(Numbness)स्थान पर लगाएं-

7- कालीमिर्च तथा लाल इलायची को पानी में पीसकर त्वचा पर लगाएं-

8- 100 ग्राम नारियल के तेल में 5 ग्राम जायफल का चूर्ण मिलाकर त्वचा या अंग विशेष पर लगाएं-

9- एक गांठ लहसुन और एक गांठ शुंठी पीस लें इसके बाद पानी में घोलकर लेप बना लें तथा इस लेप को त्वचा पर लगाएं-

10- रात को सोते समय तलवों पर देशी घी की मालिश करें इससे पैर का सुन्नपन खत्म हो जाएगा-

11- 5 ग्राम चोपचीनी, 2 ग्राम पीपरामूल और 4 ग्राम मक्खन इन तीनों को मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें-

12- बेल की जड़, पीपल और चित्रक को बराबर की मात्रा में लेकर आधा किलो दूध में औटाएं और फिर रात को सोते समय उसे पी जाएं-

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🌳🕉🌺महिला संजीवनी 🌺🕉🌳
गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
9466623519
🌳🕉🌺संजीवनी परिवार 🌺🕉🌳
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आयुर्वेदिक औषधियों की समाप्ति अवधि

आयुर्वेदिक औषधियों की समाप्ति अवधि
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ज़्यादातर आयुर्वेदिक औषधियों की एक विशिष्ट समाप्ति की अवधि होती है। इस लेख में, आप आयुर्वेदिक औषधि समूहों के शेल्फ जीवन और समाप्ति अवधि के बारे में सीख सकते हैं।

आयुर्वेदिक औषधियों का समूहशेल्फ जीवन

जड़ी बूटी से बना अंजन1 वर्ष

धातु के यौगिकों, रस या भस्म के साथ जड़ी बूटियों से बना

अंजन2 वर्ष

धातु के यौगिक, रस या भस्म के साथ बना अंजन3 वर्ष

अर्क12 महीने

आसव अरिष्टकोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)

अवलेह, लेह3 वर्ष

भस्म (सिवाय नाग भस्म, वंग भस्म, ताम्र भस्म के)कोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)

नाग भस्म, वंग भस्म, ताम्र भस्म5 साल (5 साल बाद ये  जमने लगती हैं और इसलिए 1 से 2 बार निस्तापन की क्रिया को दोहराया जाना चाहिए

चूर्ण2 वर्ष
दन्त मंजन चूर्ण2 वर्षदन्त मंजन पेस्ट2 वर्ष

धूपन (सांस द्वारा खींचने वाला)2 वर्ष

द्रवक, लवण, क्षार5 वर्ष

कान की औषधि2 वर्ष
आँख की औषधि1 वर्ष
घृत2 वर्ष
गुग्गुलु5 वर्ष
गुटिका और वटी (रस, धात्विक यौगिकों, भस्म के साथ जड़ी बूटियों से बनी गोलियां)5 वर्ष
गुटिका और वटी (केवल जड़ी बूटियों से बनी गोलियां)3 वर्ष
गुटिका और वटी (रस, धात्विक यौगिकों, भस्म के साथ बनी गोलियां, सिवाय नाग भस्म, वंग भस्म, ताम्र भस्म के)10 वर्ष
खंड , पाक, कणिका3 वर्ष

कूपीपक्व रसायनकोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)क्वाथ चूर्ण2 वर्ष
लौह (लौह संयुग्म)10 वर्ष
लेप चूर्ण2 वर्ष
लेप मल्हार (मरहम), तिला, जैल, लोशन, क्रीम3 वर्ष
मंडूर (लौह संयुग्म)10 वर्ष
मुरब्बा6 महीने
नाक की ड्रॉप्स2 वर्ष
पनक3 वर्ष
पर्पटी (सिवाय श्वेत पर्पटी के)कोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)श्वेत पर्पटी2 वर्ष
पिष्टीकोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)प्रवाही क्वाथ, कषायम (परिरक्षकों के साथ)3 वर्ष
रसौषधि (इन औषधियों में मुख्य रूप से शुद्ध पारद और शुद्ध गंधक होता है) – इसमें जड़ी-बूटियाँ या गग्गुलू भी होता है5 वर्षरसौषधि (इन औषधियों में मुख्य रूप से शुद्ध पारद और शुद्ध गंधक होता है) – इसमें केवल शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, भस्म, पिष्टी, धात्विक यौगिक होते हैं सिवाय नाग भस्म, वंग भस्म और ताम्र भस्म के10 वर्ष (यदि रसौषधि में नाग भस्म, वंग भस्म, ताम्र भस्म हैं,तब समाप्ति अवधि 5 वर्ष है)
जड़ी बूटियों का सत्व2 वर्ष
शर्बत3 वर्ष
शर्कर3 वर्ष
सिरप3 वर्ष
तेल, आयुर्वेदिक तेल3 वर्ष
वर्ती2 वर्ष

नाखून सड़ना ,पेरोनिसिया ,हात पैर के नाखून सडणा/ खराब होना.

  पेरोनिसिया  हात पैर के नाखून सडणा/ खराब होना. आयुर्वेदिक  मुलेठी 50ग्राम बडी सोफ 50 ग्राम  अच्छी हळदी 50 ग्राम  नीम पत्ते चुर्ण 50 ग्राम  ...