🌺🙏🏻🌺 *!! आयुर्वेदिक क्वाथ/कषाय भाग २ !!* 🌺🙏🏻🌺
*!! प्रदरान्तक क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग : -* यह गर्भाश्य के रोगों को दूर करने वाला व रक्त प्रदर व श्वेत प्रदर में शीघ्र लाभ देने वाला है !!
*मात्रा व अनुपान : -* २० से ४० ग्राम, दिन में दो बार अथवा आवश्यकतानुसार !!
*!! धान्यपंचक क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग : -* इसके सेवन से भूख खुल कर लगती है व पाचन शक्ति को बढ़ाता है ! यह सभी प्रकार के आातिसात, रक्तातिसार व पित्तातिसार में लाभ प्रदान करता है !!
*मात्रा व अनुपान : -* २० से ४० ग्राम, दिन में दो बार अथवा आवश्यकतानुसार !!
*!! धान्यसप्तक क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग : -* इसके सेवन से भूख खुल कर लगती है ! व पाचन शक्ति को बढ़ाता है ! यह सभी प्रकार के आातिसात, रक्तातिसार व पित्तातिसार में लाभ प्रदान करता है !!
*मात्रा व अनुपान : -* चिकित्सक के परामर्स अनुसार !!
*!! देवदार्वादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग : -* इसके सेवन से श्वास, सिर का दर्द, खांसी, बेहोशी, आदि में लाभ मिलता है ! प्रसव के पश्चात् इसका सेवन विशेष रूप से उपयोग किया जाता है !!
*मात्रा व अनुपान : -* २० से ४० ग्राम, दिन में बार !!
*!! द्राव्यादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* इसके सेवन से सभी प्रकार के प्रदर रोग, कमजोरी, सिरदर्द, मंद ज्वर आदि में लाभ मिलता है ! यह गर्भाशय को ताकत प्रदान करता है !!
*!! दशमूल क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* इसके सेवन से प्रसव के बाद की कमजोरी, खांसी, श्वास, चक्कत आना, सूजन, प्रसूत ज्वर, नींद न आना, खून की कमी, आदि !!
*!! दाड़िम पुटपाक !!*
*गुण व उपयोग: -* इसके सेवन से अतिसार, प्यास, दाह, रक्तपित्त आदि रोगों में लाभ मिलता है !!
*!! त्रिफलादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* यह पांडु रोग, कामला और हलीमक आदि रोगों में लाभदायक है !!
*!! तारूण्यादि कषाय !!*
*(दस्तावर)*
*गुण व उपयोग: -* यह दस्तावर है ! कोमल प्रकृति वालों के लिए यह पेट साफ करने की उत्तम औषधी है !!
*!! त्रिकण्टकादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* इसके सेवन से पत्थरी टूटकर बाहर निकलती है व मूत्रकृचछ एवं मूत्रत्घात में लाभदायक है !!
*!! तगरादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* यह सन्निपाद, पतले दस्त आदि में लाभदायक है !!
*!! जन्मघूंटी !!*
*गुण व उपयोग: -* इसके सेवन से बच्चों के सभी प्रकार के रोग नष्ट होते हैं ! यह बच्चों के उल्टी, खांसी, जुकाम, सर्दी, दस्त, अपचन आदि !!
*!! जात्यादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* इसके सेवन से मुंह के छाले, गले के जख्म, फोड़े-फुंसी व अन्य रक्त विकारों में लाभ मिलता है !!
*!! गुलबनफ्सादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* इसके सेवन से सर्दी जुकाम, श्वास व कफ रोगों में ला मिलता है !!
*!! गुडूच्यादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* इसके सेवन से सभी प्रकार के ज्वर, दाह, जी मिचलाना, वमन, अरूचि आदि में लाभ मिलता है !!
*!! गोजिव्हादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* यह सर्दी, जुकाम, खाँसी, श्वास, कफ रोग आदि में लाभ करता है !!
*मात्रा व अनुपान: -* २० से ४० ग्राम, दिन में दो बार !!
*!! कमलादि फाण्ट !!*
*गुण व उपयोग: -* यह हृदय को लाभ देने वाला व पेशाब खुलकर लाने वाला है !!
*मात्रा व अनुपान: -* ३० से ६० ग्राम, दिन में दो बार !!
*!! अमृताष्टक क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* यह पित्त एवं कफजन्य ज्वर, जी मिचलाना, अरूचि, वमन, अधिक प्यास लगना, पेट, हाथ-पैर और आँखों में जलन आदि में लाभ करता है !!
*!! आरग्वधादि क्वाथ !!*
*(दस्तावर)*
*गुण व उपयोग: -* पुरानी कब्ज, पेट की सूजन, शरीर की सूजन, हल्का बुखार, पेट का कड़ापन, वायु भरना, भूख की कमी आदि !!
*!! अभयादि क्वाथ !!*
*गुण व उपयोग: -* यह पाचन, दीपन, मल-मूत्र एवं वायु के विबंध (कब्ज) को दूर करने वाला, श्वास, तन्द्रा, वमन, मुँह का सुखना, प्यास, खाँसी, आदि !!
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