सोमवार, 25 सितंबर 2017

माइग्रेन

Migraine (माइग्रेन)

आयुर्वेद में इसे सूर्यावर्त कहते हैं, सूर्य के आवर्तन (उदय) से यह रोग उत्पन्न होता है, प्रशांत महासागर में भारत से 2 घंटे पूर्व सूर्य का उदय होता है, उसी समय भारत में रोगी को इस रोग से परेशानी बढ़ती है, सूर्य अग्नि का पिंड है और अग्नि शरीर में पित्त के रूप में है, रोगी के ललाट (माथे) और मस्तिष्क में स्थित कफ धीरे धीरे सूखने लगता है और रोगी का सिर दर्द बढ़ता जाता है, दोपहर 2 बजे के बाद ये दर्द कम होने लगता है और भारी पन महसूस होता है। रोग पुराना होने पर कफ अंदर परत की तरह जम जाता है। ये बहुत ही कष्टप्रद रोग है, ऐलोपैथी में इस रोग को जांचने का अभी तक कोई तरीका नही है, इसकी किसी भी मशीन से जाँच नही हो सकती। लेकिन आयुर्वेद में इसका उतना ही सरल उपचार है।
21 दिन के नियमपूर्वक उपचार से इस रोग से जीवनभर के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।

यदि कोई सज्जन इस रोग से पीड़ित हों और अब तक सभी उपचार ले कर निराश ही चुके हों, वो संपर्क कर सकते हैं।
माइग्रेन का उपचार 🌻

2 जलेबी को रात में दूध में भिगो कर रख दें, रात लगभग 3 बजे

गोदंती भष्म           1 ग्राम
नरसार चूर्ण           आधा ग्राम

को खा कर ऊपर से इस दूध जलेबी को खाएं, इसके ऊपर भरपेट पानी पी लें।

3 -4 दिनों में कफ पिघल कर नाक से बाहर निकलेगा, कभी -कभी नाक से खून भी निकल सकता है, उससे घबराना नही है, ये जमा हुआ गन्दा खून होगा जिसका निकलना ज़रूरी है।

4 -5 दिन के प्रयोग से दर्द ख़त्म हो जायेगा, लेकिन पूरी तरह से कफ को साफ होने में 21 से 41 दिन तक लग जाते हैं, इसलिए कम से कम 21 दिन तक लगातार इस इलाज़ को देना है।

नाक में दोनों छिद्रों में रोज षतबिन्दु तेल 6-6 बून्द डालें।

जीवन में कभी ये रोग तंग नही करेगा।

यदि भविष्य में कभी रोगी को जुकाम हो जाये तो बस रात में 3 बजे पानी में चीनी घोल कर भरपेट शरबत पी लेना है।

ये तो है माइग्रेन का शास्त्रीय उपचार लेकिन इसे आजकल बहुत से लोग नही कर पाते, उनके लिए आधुनिक उपचार।

माइग्रेन

त्रिभुवनकीर्ति रस        10 ग्राम
लक्ष्मीविलास रस         10 ग्राम
गोदन्ती भसम             10 ग्राम

को मिलाकर 40 पुड़िया बनाए और सुबह शाम एक एक पुड़िया शहद से लें।
10-10 मिली अश्वगंधारिष्ट सुबह शाम आधा कप पानी में मिला कर लें।

गौ घृत या षड्बिंदु तेल नाक में दो दो बून्द डालें।

माइग्रेन (Migraine),
अवसाद (Depression) या तेज़ सिर दर्द का उपचार

मेधा क्वाथ

1 चम्मच दवा को 1 गिलास पानी में पका कर एक चौथाई बचने पर छान कर पिलायें।

प्रवाल पिष्टी        10 ग्राम
गिलोय सत्         10 ग्राम
गोदंती भष्म        10 ग्राम
मोती पिष्टी            4 ग्राम
रस राज रस           1 ग्राम

तीनो को मिला कर आधा ग्राम दवा सुबह आधा ग्राम शाम को शहद से लें।

मेधा वटी

2 -2 गोली सुबह शाम गुनगुने पानी से लें।

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