गर्भावस्था में अधिक गैस और जलन का कारण और उसका उपचार
गर्भावस्था में अधिक गैस और जलन का कारण और उसका उपचार :- गर्भवती महिला को गैस की दिक्कत होना एक आम समस्या होती है | इससे महिलाओं का जलन भी होने लगती है | गर्भवती महिला की यह स्थिति कोई नुकसान नही देती |लेकिन इससे कुछ हद तक समस्या बन सकती है |
जब किसी गर्भवती महिला को गैस यानि एसिडिटी की समस्या बन जाती है | तो इससे हार्टबर्न भी हो सकता है | हार्टबर्न एक ऐसी समस्या है , जो गले से नीचे के हिस्से से लेकर छाती तक होती है | गर्भावस्था के समय सीने में जलन का कारण शारीरिक बदलाव होता है |
गर्भावस्था में अधिक गैस और जलन का कारण और उसका उपचार
गर्भावस्था के आखिरी चरण में आपका बच्चा इतना बड़ा हो जाता है | कि कई बार आसपास के अंगों पर प्रभाव डालती है | इसके कारण आपको गैस की समस्या हो सकती है | ऐसा इसलिए होता है , क्योंकि पेट से आंतों तक भोजन की गतिविधि मंद हो जाती है | जिससे छाती में जलन होने लगती है |
एसिडिटी और हार्टबर्न में क्या अंतर होता है :-
जब किसी को पेट में जलन महसूस होती है | तो उसे अम्लता या गैस की समस्या कहा जाता है | एसिडिटी और हार्टबर्न दोनों अलग – अलग होती है | मनुष्य को एसिडिटी तब होती है , जब हमारा पेट भोजन को पचाते समय जरूरत से अधिक एसिड उत्पन्न करता है | पेट में या इससे थोडा उपर आपको जलन महसूस हो सकती है | इस जलन से आपको कम या अधिक दोनों तरह के दर्द का सामना करना पड़ सकता है | इसके आलावा हार्टबर्न मनुष्य को तब होता है | जब पेट में ही नही बल्कि छाती में और गले में जलन होने लगे | इस जलन में आपको काफ़ी दर्द हो सकता है |
एसिडिटी और हार्टबर्न में क्या अंतर होता है
एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए क्या करना चाहिए |
1. पानी का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए | कभी भी सोडे जैसे पेय पदार्थों का उपयोग नही करना चहिये | क्योकि इन पदार्थों में बहुत सारे अम्लीय तत्व पाए जाते है |
2. बाजार में बिकने वाली बनी हुई चीजे या डिब्बाबंद वस्तुओं का भी उपयोग कम करना चाहिए | जैसे आचार , चटनी आदि |
3. खट्टे फल , चाकलेट ,शराब , काफी का उपयोग कम से कम करना चहिये | इसके आलावा अधिक तेल और मसालेदार भोजन का भी सेवन नही करना चाहिए | इन सभी पदार्थों में एसिडिटी बढ़ाने वाले तत्व मौजूद होते है | इनका सेवन करने से आपको कुछ घंटे तक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है |
4. जब किसी व्यक्ति को एसिडिटी की समस्या हो जाती है | तो उसे एक गिलास ठंडा दूध , दही या लस्सी का सेवन करना चाहिए | यह उपाय को करने से एसिडिटी की परेशानी दूर हो जाती है |
5. गैस यानि एसिडिटी को दूर करने के लिए आप अदरक वाली चाय का भी सेवन कर सकते है | इसके आलावा केला खाने से भी लाभ मिलता है |
6. खाना खाते समय अधिक मात्रा में तरल पदार्थं का सेवन नही करना चाहिए | इसके आलावा जो महिला गर्भवती होती है , उसे एक दिन में कम से कम १० से १२ गिलास पानी का सेवन करना चाहिए |
7. गर्भवती महिला को थोड़े – थोड़े समय के अंतराल पे कुछ – कुछ खाते रहना चाहिए | भोजन को अच्छी तरह से चबा – चबाकर खाना चाहिए |गर्भवती महिला के खाने के समय में अधिक अंतर नही होना चाहिए | इससे उन्हें एसिडिटी की समस्या हो सकती है |
8. कई लोग एसिडिटी और छाती की जलन को दूर करने के लिए पीपरमिंट की चाय का सेवन करते है | वैसे तो किसी भी प्रेग्नेंट महिला को हर्बल चाय का सेवन एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए |
9. कई बार होता है कि खाना खाने के तुरंत बाद लेटने से छाती में जलन होने लगती है | इसलिए हमे कोशिश करनी चाहिए कि भोजन सोने से लगभग दो या तीन घंटे पहले की कर लेना चाहिए | हमे रात को कभी भी देर से भोजन नही करना चाहिए |
10. सोते समय अपने सर के नीचे तकिया लगाकर सोयें | ताकि आपका कंधा आपके पेट से ऊँचा रहे | ऐसा करने से आपका भोजन उचित प्रकार से पचता है |
गर्भावस्था में धुम्रपान और स्मोकिंग है घातक
11. किसी भी दवाई का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से अवश्य से पूछे | अन्यथा आपको और होने वाले शिशु को हानि हो सकती है |
जो व्यक्ति सिगरेट या अन्य किसी वस्तु से धुम्रपान करते है | उनकी छाती में जलन बढ़ जाती है | जो महिलाएं गर्भवती होती है | और धुम्रपान करती हो , उनके शरीर में और भी मुसीबते बढ़ जाती है | यदि आप धुम्रपान करने वाले के सम्पर्क में आती हो तो भी हानिकारक होता है | यह आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है |
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