रविवार, 24 सितंबर 2017

जल चिकित्सा

🌹✍🏻       जल चिकित्सा            ✍🏻🌹
जासु कृपा कर मिटत सब आधि,व्याधि अपार

तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

🌳🌺महिला संजीवनी 🌺🌳

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  जल चिकित्सा
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हमारे शरीर में रोजाना 2600 ग्राम पानी खर्च होता है। गुर्दों से 1500 ग्राम, त्वचा से 650, फेफड़ों से 320 ग्राम और मलमार्ग से 130 ग्राम पानी खर्च होता है जिसकी पूर्ति भोजन में रहने वाले पानी से होती है। फिर भी सतुंलन बनाये रखने के लिए कम से कम 2 से 3 लीटर पानी रोजाना पीना जरूरी है। पानी एक साथ नहीं, धीरे-धीरे, घूंट-घूंट करके पीना चाहिए जिससे वह शरीर के तापमान के अनुसार वह पेट में पहुंचता जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में केवल 75 प्रतिशत शहरी और 40 ग्रामीण क्षेत्रों में ही साफ पीने वाला पानी उपलब्ध है।

मनुष्य के खून के तरल भाग `प्लाज्मा´ में लगभग 90 प्रतिशत पानी होता है। शरीर का पानी दो भागों में बंटा होता है। कोशीय पानी तथा बाहृय कोशीय पानी। शरीर के कुल भार का 40 प्रतिशत कोशीय जल एवं 20 प्रतिशत बाहृय कोशीय पानी होता है। घुलनशीलता पानी की एक विशेषता है। इसी के माध्यम से शरीर में रासायनिक परिवर्तन और प्रतिक्रियाएं होती हैं। पानी की आपूर्ति शरीर की रासायनिकता को संतुलित बनाए रखती है। उसी से शरीर की उष्मा नियंत्रित रहती है तथा शरीर की विच्छिन्नता रुककर शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है। मनुष्य भोजन के अभाव में कई महीने तक जीवित रह सकता है किंतु पानी के अभाव में नहीं रह सकता है। यदि शरीर में एक निश्चित अनुपात से 10 से 20 प्रतिशत पानी कम हो जाए तो आंखें झपकना बंद हो जाती हैं, आदमी बोल तक नहीं पाता है। 20 प्रतिशत से अधिक पानी की कमी हो जाने पर पेशाब के स्थान पर खून की बूंदे निकलने लगती हैं और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

हानिकारक👉 गर्म भोजन करने के बाद। खीरा, खरबूजा, ककड़ी खाने के बाद। सोकर उठने के तुरंत बाद चाहे दिन हो या रात। औरत से संभोग के बाद। दस्त हो जाने के बाद। दूध, चाय, छींके लेने के बाद। धूप से आने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

उच्चरक्तदाब (हाई ब्लड प्रेशर), अर्श (बवासीर), ज्वर (बुखार), लू लगना (गर्मी लगना), सूजाक (गिनोरिया), पेशाब के रोग, रक्तपित्त, दिल की धड़कन, कब्ज, पेट में जलन आदि रोगों में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। 
क्षय (टी.बी.), अपच, आंखों के रोग, पुराना बुखार, कोढ़ और मधुमेह के विकारो में पानी बार-बार परंतु थोड़ा-थोड़ा पीना चाहिए।
मधुमेह (डायबिटीज), और बहुमूत्र (बार-बार पेशाब आना) के रोग में पानी की अपेक्षा दूध अधिक पीना चाहिए। 
मोटापा घटाना, गैस, कोलायटिस, अमीबाइसिस, कृमि (कीड़े), पसली का दर्द, जुकाम, बादी के रोग, गले के रोग, कब्ज, नया बुखार, संग्रहणी (अधिक दस्त का आना), श्वास (दमा), खांसी, हिचकी, चिकनी चीजे या खाना खाने के बाद 1 गिलास गर्म-गर्म पानी जितना गर्म पिया जा सके लगातार पीते रहने से ठीक हो जाते हैं। 
गर्म पानी में आधा नींबू का रस निचोड़ दिया जाए तो समय पर भूख भी अच्छी लगती है तथा पेट में गैस और सड़न भी नहीं होती। सर्दी के मौसम में प्रात: समय में गर्म पानी पीने से जुकाम, खांसी नहीं होती है।

नकसीर: 👉
अगर ज्यादा तेज धूप में घूमने की वजह से नाक से खून बह रहा हो तो सिर पर लगातार ठंडे पानी को डालने से नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाती है।

वीर्य (धातु) रोग:👉
ठंडे पानी से नहाने से स्वप्नदोष और वीर्य के रोगों में लाभ होता है।

कब्ज:👉
100 मिलीलीटर पानी को गर्म करके उसमें शहद मिलाकर रात को सोने से 30-40 मिनट पहले से पीने से कब्ज (कोष्ठबद्धता) की शिकायत दूर होती है।
कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को दिन में 25-30 गिलास पानी पीना चाहिए।
एक गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच नमक मिलाकर पीने से उल्टी आकर आमाशय साफ हो जाता है।
पानी को पीने से पेट में कब्ज नहीं बनती है, क्योंकि पानी पीने से मल ढीला रहता है, और आसानी से शौच के दौरान आ जाता है। यदि कब्ज की शिकायत हो तो सुबह पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से कब्ज ठीक हो जाती है।
सुबह सोकर उठते ही 1 गिलास पानी पीने तथा भोजन करते समय घूंट-घूंट करके पानी पीने से कब्ज के रोग में लाभ मिलता है।

दमा (श्वास):👉
दमा का दौरा पड़ने पर हाथ-पैर को 10 मिनट गर्म पानी में डुबोकर तक रखने से दमा के रोग में बहुत आराम मिलता है।
रात को गर्म पानी पीकर सोने से दमा और खांसी के रोग में लाभ होता है। दमा का दौरा पड़ने पर भी गर्म पानी पीना चाहिए।
5. बच्चों का मोटापा बढ़ाना:  ताजा जल 4 घंटे धूप में रखकर रोजाना बच्चों को एक निश्चित समय पर नहलाने से बच्चा मोटा होता जाता है। दुबला-पतला होने पर पानी व पानी से युक्त खाने की वस्तुएं खानी चाहिए।

पेशाब की जलन: 👉
धूप, गर्मी के कारण या गर्म प्रकृति की चीजों को खाने से अगर पेशाब में जलन हो, पेशाब बूंद-बूंद करके आता हो तो ठंडे पानी या बर्फ के पानी में कपड़ा भिगोकर नाभि से नीचे बिछाए रखने से पेशाब खुलकर और बिना दर्द के आता है।

खुश्की की प्यास:👉
खुश्की की प्यास (गला सूखने के कारण प्यास) गर्म पानी पीने से ठीक हो जाती है।

दांत में दर्द: 👉
2 मिनट तक गर्म पानी को मुंह में भरकर रख लें, फिर बहुत ठंडे पानी को 2 मिनट मुंह में रख लें। ऐसा केवल 4 बार ही करें। यह प्रयोग गर्म पानी से प्रारम्भ करके ठंडे पानी से समाप्त करें। इससे दांतों का दर्द दूर हो जाता है। दर्द मिट जाने के बाद भी 3 दिनों तक प्रयोग जारी रखें। यदि मसूढ़े फूलते हो तो गर्म पानी से कुल्ले करने से लाभ मिलता है।

बुखार: 👉
तेज ज्वर (बुखार) होने पर सिर पर ठंडे पानी की पट्टी बांधने से लाभ होता है। तेज ज्वर (बुखार) होने पर ठंडे पानी में तौलिया भिगोकर सिर पर रखें और सारे शरीर को गीले कपड़े से पौंछे। ऐसा करते समय शरीर को हवा न लगने दें, शरीर को ढका हुआ रहने दें।

लू लगने पर:👉
गर्मी में इच्छा के अनुसार बार-बार पानी पीने से लू नहीं लगती है।
अंशुघात (लू) के शिकार स्त्री-पुरुष को सबसे पहले सिर से पैरों तक शीतल जल से अच्छी तरह से नहलाना चाहिए। सिर पर देर तक ठंडा पानी डालना चाहिए।

बच्चे का पाचन: 👉
बच्चे को दूध पिलाने से 15 मिनट पहले माता 1 गिलास पानी पी ले तो बच्चे का दूध जल्दी पच जाता है और बच्चों को दस्त आदि नहीं आते हैं।

बदहजमी: 👉
अगर बदहजमी की शिकायत हो, खाना न पचता हो तो 1 दिन के लिए भोजन बंद करके सिर्फ पानी ही पीने से लाभ होता है।

बालों का गिरना: 👉
तौलिये को गर्म पानी मे भिगोकर तथा निचोड़कर सिर पर 2 मिनट तक रखें। इसके तुरंत बाद दूसरा तौलिया ठंडे पानी में भिगोकर और निचोड़कर 1 मिनट तक सिर पर रखें। यह क्रिया 20 मिनट तक रोजाना करने से सिर के बाल गिरना बंद हो जाते हैं।

गुहेरी (पलकों पर फुंसी होना):👉
अगर आंख की पलक पर फुंसी हो गई हो तो पहले गर्म पानी में कपड़ा भिगोकर 3 मिनट तक सिंकाई करें। उसके बाद फिर ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर तुरंत ही सिंकाई करने से 2 दिन में ही फुंसी ठीक हो जाती है।

अंडकोष की सूजन:👉
अंडकोष की सूजन पर गर्म पानी से सिकाई करने से सूजन दूर हो जाती है।
पहले गर्म पानी फिर ठंडे पानी से एक के बाद एक सेंक करने से अंडकोष का फूलना सही हो जाता है।

आंखों के रोग: 👉
जब आंख लाल हो, गर्मी बढ़ गई हो, आंख में सूजन हो तो बार-बार ठंडा पानी या गुलाबजल या बर्फ को कपड़े में रखकर सिंकाई करना चाहिए। ठंडे प्रयोग से छोटी धमनियों व शिराओं में संकोचन (सिकुड़ना) उत्पन्न होकर गर्म, प्रदाह (जलन) को शांति मिल जाती है। शोथ (सूजन) में ठंडे पानी से सिंकाई करने से सूजन जल्दी कम हो जाती है। यदि पीब (पस) पैदा हो गई तो ठंडे पानी की सिंकाई ज्यादा नहीं करनी चाहिए।

खांसी: 👉
रात को गर्म पानी पीकर सोने से खांसी कम चलती है।

पानी पीने की मात्रा: 👉
जाड़े के दिनों में डेढ़ से 2 लीटर और गर्मी में लगभग 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए। भोजन के 1 घंटे पहले और लगभग 2 घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए।

जबड़े का दर्द:👉
पानी में नमक डालकर गर्म करें तथा उससे रोजाना सुबह-शाम कुल्ला करें। इससे दांतो का दर्द ठीक होता है और मुंह से बदबू आना बंद हो जाती है।

गर्भाशय की सूजन: 👉
गर्भाशय की सूजन होने पर पेडू़ (नाभि) पर गरम पानी की बोतल को रखने से लाभ मिलता है।

पेट में गैस का बनना:👉
1 गिलास पानी में 50 ग्राम पुदीना, 10 ग्राम अदरक के टुकड़े, 10 ग्राम अजवाइन को उबाल लें। बाद में थोड़ी-सी चीनी या गुड़ मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में से 2 चम्मच काढ़ा रोजाना खाना खाने के बाद पीने से पेट की गैस दूर हो जाती है।
1 गिलास गुनगुना पानी जितना पिया जा सके, लगातार कुछ सप्ताह खाना खाने के बाद पीते रहने से पेट की गैस में राहत मिलती है।
10 से 15 मिनट तक पेट पर पानी की धार छोड़ें और बाएं हाथ से पेट को मलें।

बंद जुकाम:👉
पानी को 5-6 घंटे तक धूप में रखकर फिर उस पानी को पीने से पुराना जुकाम (पीनस) रोग में लाभ होता है।
रात को सोने से पहले काफी सारा ताजा पानी पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।

हिचकी का रोग:👉
ताजे पानी को पीने से हिचकी का आना बंद हो जाता है।
ठंडा पानी घूंट-घूंटकर पीने से हिचकी नहीं आती है।
हिचकी आने पर पानी जरूर पीयें। इससे हिचकी बंद हो जाती है।
ठंडा पानी पीने से, गर्मी के कारण या गले में खुश्की की वजह से आने वाली हिचकी से राहत मिलती है।

दस्त:👉
उबले हुए पानी को ठंडा करके पीने से लाभ होता है।
1 लीटर पानी में लगभग 2 चम्मच चीनी और 1 चुटकी नमक मिलाकर गर्म करें, फिर इसे ठंडा करके लगभग 2 ग्राम की मात्रा में एक दिन में 2 से 3 बार पीने से दस्त में लाभ मिलता है।

मुंह का सौन्दर्य: 👉
चेहरे को पानी के भाप या दूध के भाप से सेंकने से चेहरा साफ रहता है और चेहरे पर चमक आती है।

दर्द व सूजन:👉
शरीर में कहीं पर भी, कैसा भी दर्द हो, पहले गर्म पानी से 3 मिनट सेक करें, इसके तुरंत बाद बर्फ जैसे ठंडे पानी से एक मिनट सेंक करने से दर्द में लाभ होता है।

प्यास अधिक लगना:👉
गले में खुश्की के कारण आने वाली प्यास में गर्म पानी में नमक मिलाकर पीने से प्यास बंद हो जाती है।

मोटापे को कम करने के लिए:👉
गर्म पानी को पीने और नहाने से मोटापा कम होता है।
बासी ठंडे पानी में शहद मिलाकर रोजाना पीने से लाभ होता है।
गुनगुने 250 मिलीलीटर पानी में 1 नींबू के रस को शहद दो चम्मच मिलाकर खाली पेट 3 महीने तक लगातार पीने से आराम होता है।
125 मिलीलीटर पानी को उबालकर उतार लें, जब गुनगुना रह जाये तब इसमें 15 मिलीलीटर नींबू का रस (आधा कागजी नींबू) को निचोड़कर और 15 ग्राम शहद को मिलाकर शर्बत के बराबर 1 महीने तक खाली पेट पीने से मोटापा समाप्त होता है और शरीर में मौजूद चर्बी घटकर कम हो जाती है।
भोजन से पहले 1 गिलास गुनगुना पानी पीने से भोजन अधिक मात्रा में नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने से 2 महीने में ही शरीर की चर्बी घटने लगती है।

पेट में दर्द:👉
पानी गर्म करके फिर उसी पानी को ठंडा करके 1 चम्मच शहद को मिलाकर पीने से पेट की बीमारी में आराम होता है।
गर्म पानी को बोतल में भरकर पेट की सिंकाई करने से सभी प्रकार के पेट दर्दों में लाभ होता है।
1 गिलास पानी को गर्म करके नींबू को निचोड़कर सेवन करने से कब्ज, बदहजमी, पेट में मल के बाहर न निकलने के कारण उत्पन्न बदबू, गैस और पेट के दर्द आदि रोग दूर होते हैं।

सिर चकराना:👉
हाथ-पैरों में दर्द और जी घबराने पर शीतल जल की पट्टी बहुत लाभदायक होती है। सिर और पेट पर ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर रखने से सिर का चकराना दूर हो जाता है।

त्वचा के रोग:👉
कपड़े की पट्टी बनाकर पानी में भिगो लें, फिर उसे निचोडकर बच्चे की गर्दन पर लपेट दें और कम्बल ओढ़ा दें। कुछ दिनों तक लगातार ऐसा करने से बच्चे की त्वचा को कोई भी रोग नहीं होता है।
शरीर में खुजली वाले स्थान पर रोजाना 15 मिनट तक ठंडे पानी की एक धार सी बनाकर डालनी चाहिए।

हाथ-पैरों पर मांस की गांठ: 👉
तांबे का पुराना पैसा पानी में घिसकर दिन में 2 से 3 बार हाथ-पैरों की गांठ पर लगाने से हाथ-पैरों पर मांस की गांठे ठीक हो जाती हैं।

पसलियों का दर्द: 👉
खाना खाने के बाद हल्का गर्म पानी पीने से रोग ठीक होता है।

सिर का दर्द:👉
ठंडे पानी से सिर को धोकर नहाने से गर्मी के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
दोनों पैरों को गर्म पानी में रखने से जुकाम के कारण होने वाला  सिर का दर्द दूर हो जाता है।
ब्लडप्रैशर या रक्तचाप के कारण होने वाले सिर के दर्द में रोगी के सिर पर पानी की पटि्टयां रखने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।

चेहरे के दाग-दब्बे के लिए: 👉
त्वचा के बाहरी खूबसूरती के लिए बहुत सारा पानी पियें। कम से कम एक दिन में 8 गिलास पानी पीने से शरीर के अंदर की सफाई हो जाती है

सूजन👉
गर्म पानी में थोड़ा-सा नमक डालकर हाथ-पैरों की सिंकाई करने से इनकी सूजन दूर हो जाती है।
2 लीटर जल में 250 ग्राम गेहूं डालकर उबालें, फिर इसके पानी को छानकर कपड़े से सूजन वाले स्थानों पर सिंकाई करने से सूजन दूर हो जाती है।


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🌳🕉🌺महिला संजीवनी 🌺🕉🌳
गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
9466623519
🌳🕉🌺संजीवनी परिवार 🌺🕉🌳
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