रविवार, 24 सितंबर 2017

जायफल

🌹✍🏻         जायफल         ✍🏻🌹
जासु कृपा कर मिटत सब आधि,व्याधि अपार

तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

🌳🌺महिला संजीवनी 🌺🌳

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जायफल

जायफल ना केवल एक मसाला अपितु एक गुणकारी औषधि भी है। आयुर्वेद में इसे वात एवं कफ नाशक बताया गया है। उत्तेजक होने के कारण यह आमाशय में पाचक रस बढ़ाता है, जिससे भूख खुलती है। आंतों में पहुंचकर यह  गैस हटाता है। इससे कई बीमारियों में लाभ के साथ-साथ सौन्दर्य सम्बन्धी कई समस्याओं से निजात मिलती है।
* सुबह-सुबह खाली पेट आधा चम्मच जायफल चाटने से गैस्ट्रिक, सर्दी-खांसी की समस्या नहीं सताती है। पेट में दर्द होने पर चार से पांच बूंद जायफल का तेल चीनी के साथ लेने से आराम मिलता है।
* सिर में बहुत तेज दर्द होने पर जायफल को पानी में घिस कर लगाएं।
* सर्दी के मौसम के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जायफल का एक टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहिये।यह शरीर की स्वाभाविक गरमी की रक्षा करता है
* भूख बढ़ाने के लिये  चुटकी भर जायफल चूसने से पाचक रसों की वृद्धि होगी और भूख बढ़ेगी और भोजन भी अच्छे तरीके से पचेगा।
* दस्त या पेट दर्द की शिकायत में एक जायफल को भून कर उसका चौथाई भाग मरीज को सुबह शाम चूसने के लिए दें। 
* फालिज-लकवे का प्रकोप जिन अंगों पर हो, उन अंगों पर जायफल को पानी में घिसकर रोज लेप करना चाहिए। दो माह तक ऐसा करने से, अंगों में जान आ जाने की संभावना देखी गयी है।
* प्रसव के बाद अगर कमर दर्द नहीं ख़त्म हो रहा है तो जायफल पानी में घिसकर कमर पे सुबह शाम लगाएं, एक सप्ताह में ही दर्द ठीक हो जाएगा।
* फटी एडियों के लिए इसे महीन पीसकर बीवाइयों में भरने से वे 15 दिन में ही ठीक हो जाती हैं।
* जायफल के चूर्ण को शहद के साथ खाने से ह्रदय स्वस्थ मज़बूत व  पेट  ठीक रहता है।
* अगर कान के पीछे कुछ ऎसी गांठ बन गयी हो जो छूने पर दर्द करती हो, तो जायफल को पीस कर वहां तब तक लेप करिये जब तककि गाठ ठीक न हो जाये ।
* अगर हैजे के रोगी को बार-बार प्यास लगने पर उसे जायफल को पानी में घिसकर उसे पिलायें।
* जी मिचलाने पर जायफल को पानी में घिस कर पिलायें।
*  घिसकर काजल की तरह आँख में लगाने से यह नेत्र ज्योति बढ़ाता है और आँख की खुजली और धुंधलापन ख़त्म करता है।
* यह शक्ति बर्धक है और आवाज में सम्मोहन उत्पन्न करता है।
* जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और कील-मुहांसे ख़त्म होते हैं। चेहरे और त्वचा पर पड़ी झाईयों को हटाने के लिए, जायफल को पानी के साथ पत्थर पर घिसकर लेप लगाने से त्वचा में निखार व झाईयों से निजात मिलेगी। चेहरे की झुर्रियां भी इस लेप से ठीक-दूर हो जाती हैं। इसे कच्चे दूध में घिसकर चेहरें पर  लगाने से  मुंहासे ठीक हो जाते हैं और चेहरे पर निखार आता है।
*  बार-बार पेशाब जाना पड़ता हो तो उसे जायफल और सफ़ेद मूसली 2-2 ग्राम की मात्र में मिलाकर पानी के साथ निगलने से फायदा होगा। यह क्रम खाली पेट, 10 दिन दोहरायें।
* बच्चों को सर्दी-जुकाम हो जाए तो जायफल का चूर्ण और सोंठ का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर 3 चुटकी, गाय के घी में मिलाकर बच्चे को सुबह शाम चटायें।
* आंखों के नीचे काले घेरे हटाने के लिए, सोते समय जायफल का लेप लगाकर सूखने पर इसे धो लें।ने से लाभ मिलता है।
* जायफल का लेप त्वचा पर लगाने से अनिंद्रा की शिकायत दूर होगी और त्वचा भी स्वस्थ व सुन्दर बनी रहेगी।
*  त्वचा पर चोट, नील और घाव के निशान हटाने के लिए जायफल में सरसों का तेल मिलाकर मालिश करें। इससे मालिश करने पर रक्त के संचार के ठीक होने के साथ-साथ शरीर में चुस्ती-फुर्ती भी बनी रहेगी।
* जायफल के लेप की जगह इसके तेल का भी प्रयोग भी किया जा सकता है।
* दांत में दर्द होने पर जायफल का तेल रुई पर लगाकर दर्द वाले दांत या दाढ़ पर रखने से दर्द  ठीक हो जाता है और दांत के कीड़े भी मर जाते हैं।
* पेट दर्द ठीक करने के लिए जायफल के तेल की 2-3 बूंदें  बताशे में टपका कर खाने से  आराम मिलता है।
* जायफल को पानी में पकाकर  गरारे करने से मुंह के छाले और गले की सूजन ठीक हो जाती है।
* जायफल पाउडर दूध में मिला कर लेने से सर्दी का असर ठीक हो जाता है।
* सरसों का तेल और जायफल का तेल 4:1 की मात्रा में मिलाकर दिन में 2-3 बार शरीर की मालिश करने से जोड़ों का दर्द, सूजन, मोच आदि में राहत मिलटी है और शरीर में  चुस्ती-फुर्ती-गर्मी आती है तथा पसीने के रूप में विकार निकल जाता है।
* जायफल, सौंठ और जीरे का चूर्ण भोजन करने से पहले पानी के साथ लेने से गैस और अफारा नहीं होता।
*  बवासीर से छुटकारा: दस जायफल देशी घी में अच्छी तरह सेंककर पीस-छान लें।  इसमें दो कप गेहूं का आटा मिलाकर घी में फिर सेकें।और शक्कर मिलाकर रोजाना सुबह खाली पेट एक-एक चम्मच खाएं।
* नीबू के रस में जायफल घिसकर भोजन के बाद सेवन करने से गैस और कब्ज की शिकायत दूर होती है।
* दूध पाचन:  शिशु को यदि ऊपर का दूध न पचता न हो तो
दूध में आधा पानी मिलाकर, इसमें एक जायफल डालकर उबालें, कुनकुना गर्म, शिशु को पिलाएँ। यह दूध शिशु को हजम हो जाएगा।
सावधानी: ज्यादा मात्रा में सेवनकरने से यह मादक प्रभाव उत्पन्न करता है। इसका प्रभाव मस्तिष्क पर कपूर के समान होता है, जिससे चक्कर आना, प्रलाप आदि लक्षण प्रकट होते हैं।

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🌳🕉🌺महिला संजीवनी 🌺🕉🌳
गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
9466623519
🌳🕉🌺संजीवनी परिवार 🌺🕉🌳
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