शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

पत्रांगासव

🌹✍🏻         पत्रांगासव         ✍🏻🌹

जासु कृपा कर मिटत सब आधि,व्याधि अपार

तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

🌳🌺महिला संजीवनी 🌺🌳

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यह एक क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो ख़ासकर महिलाओं के रोग ल्यूकोरिया में इस्तेमाल की जाती है. सफ़ेद प्रदर, रक्त प्रदर, धात गिरना या सफ़ेद पानी-लाल पानी आना, एक्सेस ब्लीडिंग, एनीमिया, भूख की कमी और कमज़ोरी जैसी प्रॉब्लम के लिए इसका प्रयोग किया जाता है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -

यह आसव यानि लिक्विड है जो सिरप की तरह होती है. पत्रांगा नाम की बूटी मिला होने से इसका नाम पत्रांगासव रखा गया है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें कई सारी जड़ी-बूटियाँ मिली होती हैं जैसे -

पत्रांगा या पतंग काष्ठ, खैरसार, वासामूल, सेमल के फूल, बला, भिलावा, गुड़हल, शारिवा, आम्र बीज मज्जा, दारूहल्दी, रसौत, चिरायता, सफ़ेद जीरा, बेल, भांगरा, दालचीनी, केसर, लौंग सभी एक-एक भाग

द्राक्षा बीस भाग, धातकी सोलह भाग, शहद पचास भाग, चीनी सौ भाग और पानी 512 भाग का मिश्रण होता है. आयुर्वेदिक प्रोसेस आसव निर्माण विधि से इसका आसव या सिरप बनता है. रिष्ट से आसव बनाना आसान होता है, तो आईये संक्षेप में जान लेते हैं कि इसका आसव कैसे बनता है? -

आसव बनाने के लिए बताई गयी मात्रा में मिट्टी के बर्तन में पानी डालकर द्राक्षा, धातकी, चीनी और शहद सब मिक्स कर लें उसके बाद दूसरी जड़ी बूटियों का मोटा चूर्ण मिला देना होता है. अब बर्तन का ढक्कन सील कर 30 दिनों तक बाहर खुले आसमान में धुप में रख दिया जाता है. तीस दिनों के बाद इसे फ़िल्टर कर लिक्विड को काँच की बोतल में पैक कर रख लिया जाता है. यही आसव होता है.

पत्रांगासव के गुण -

पित्त, वातदोष नाशक, प्रदर नाशक, दीपन, पाचन, सुजन दूर करने वाला(Anti-inflammatory), Antimicrobial, रक्त स्तम्भक, Blood Purifier यानि खून साफ़ करने वाले गुणों से भरपूर होता है.

पत्रांगासव के फ़ायदे-

हर तरह के ल्यूकोरिया के लिए यह अच्छी दवा है. इसके अलावा पीरियड्स की प्रॉब्लम या Mestrual Disorder के लिए भी इसका इस्तेमाल करना चाहिए.

Dysmenorrhea, Excessive bleeding, एनीमिया और भूख की कमी में फ़ायदेमंद है.

यह पाचन शक्ति को ठीक करती है, खून साफ़ करती है और सफ़ेद पानी की समस्या और Menstrual प्रॉब्लम को दूर करती है.

यह एक बेहतरीन Uterine Tonic है, गर्भाशय की बीमारियों को दूर कर महिलाओं के स्वास्थ को इम्प्रूव करती है.

पत्रांगासव की मात्रा और सेवन विधि -

15 से 30 ML तक दिन में दो बार बराबर मात्रा में पानी मिक्स कर खाना खाने के तुरंत बाद लेना चाहिए. इसे रोज़ तीन बार भी लिया जा सकता है डॉक्टर की सलाह से. इसके  साथ में 'पुष्यानुग चूर्ण' 'सुपारी पाक' 'मुक्ताशुक्ति भस्म' 'प्रवाल पिष्टी' के अलावा योगराज गुग्गुल, चंद्रप्रभा वटी जैसी ल्यूकोरिया में काम करने वाली दवा भी ले सकते हैं आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से. इसका इस्तेमाल करते हुवे खट्टी चीज़े, मिर्च-मसला, सॉफ्ट ड्रिंक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. प्रेगनेंसी में स्तनपान कराने वाली महिलायें इसका इस्तेमाल न करें. डाबर, बैद्यनाथ, पतंजलि, सांडू जैसी अनेकों कम्पनियाँ इसे बनाती हैं. आयुर्वेदिक दवा दुकान से  खरीद सकते है

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🌳🕉🌺महिला संजीवनी 🌺🕉🌳
गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
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यार्सागुम्बा

🌹✍🏻        यार्सागुम्बा         ✍🏻🌹

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तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

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यार्सागुम्बा को हिमालयन वियाग्रा भी कहा जाता है अंग्रेज़ी में इसे Cordiceps कहते हैं, जबकि इसका पूरा नाम Cordiceps Sinesis है. इसे ख़ासकर पॉवर, स्टैमिना और सेक्सुअल पॉवर बढ़ाने के लिए यूज़ किया जाता है. यह चमत्कारी गुणों से भरपूर औषधि है और इसके कई सारे दुसरे फ़ायदे भी हैं, तो आईये जानते हैं यार्सागुम्बा या हिमालयन वियाग्रा के बारे में  पूरी डिटेल - 

यार्सागुम्बा हिमालयन एरिया में पाया जाता है, नेपाल, चीन, तिब्बत जैसे देशों में मिलता है. 

इसे कई नामों से जाना जाता है यार्सागुम्बा इसका तिब्बतियन नाम है. अंग्रेज़ी में इसे Cordiceps Sinesis, Caterpillar Fungus, Caterpillar Mushroom और Chinese Caterpillar Fungus जैसे नामों से जाना जाता है. नेपाली में इसे किरा झार या कीड़ा झार कहा जाता है. 

यह एक तरह का फंगस है जिसे कीड़ा और मशरूम का मिश्रण कह सकते हैं. जैसा कि इसे देखने से ही पता चलता है इसके रूट या जड़ की तरफ कीड़ा है जबकि ऊपर का भाग फंगस या एक तरह का मशरूम है. यह बहुत ही रेयर होता है, जिसकी वजह से काफी महँगा भी है. सूखे हुवे यार्सागुम्बा की बहुत डिमांड होती यौन शक्तिवर्धक दवा के रूप में. इसके एक किलो की क़ीमत 60 लाख रुपया से भी ज़्यादा है. 

यार्सागुम्बा कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है, इसमें विटामिन बी -1, विटामिन बी -2, विटामिन बी- 12, विटामिन K जैसे विटामिन्स के अलावा कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. 

यार्सागुम्बा के औषधीय गुण - 

यह एक बेहतरीन यौन शक्ति वर्धक, पॉवर-स्टैमिना बढ़ने वाला, टॉनिक, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग, एंटी ट्यूमर, एंटी कैंसर, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है. 

यार्सागुम्बा या हिमालयन वियाग्रा के फ़ायदे - 

यौन शक्ति बढ़ाने के लिए वियाग्रा की तरह ही इसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है. शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, इम्पोटेंसी में बेहद असरदार है. पॉवर और स्टैमिना बढ़ाने के लिए यह दुनियाभर में पोपुलर है. 

यह टॉनिक की तरह भी काम करता है, शारीरिक कमज़ोरी, थकान, चिंता- तनाव को दूर करता है. 

एंटी एजिंग है, बुढ़ापे के लक्षणों को कम करता है चुस्ती-फुर्ती लाता है और इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाता है. 

दिल, दिमाग, नर्वस सिस्टम और फेफड़ों को तकत देता है, मेमोरी लॉस, खाँसी, ब्रोंकाइटिस में फ़ायदेमंद है.

खून की कमी को दूर करता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है.

किडनी और ब्लैडर की बीमारियों में भी इफेक्टिव है, रात में बार-बार पेशाब होना और किडनी फेलियर में फ़ायदेमंद है. 

यार्सागुम्बा के इस्तेमाल से महिलाओं में यौनेक्षा की कमी दूर होती है. कुल मिलाकर देखा जाये तो यह न सिर्फ पॉवर और स्टैमिना को बढ़ाता है बल्कि टॉनिक और हेल्थ सप्लीमेंट की तरह भी काम करता है. 

यार्सागुम्बा का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका- 

250 mg से 1.5 ग्राम तक रोज़ दो बार खाना खाने के दो-तीन घंटे के बाद पानी से  लेना चाहिए. इसका डोज़ पाचन शक्ति और बॉडी की कंडीशन पर डिपेंड करता है. इसे कई लोगों में शुरू में ज़्यादा डोज़ भी दिया जाता है एक हफ्ते तक, उसके बाद नार्मल Maintaining डोज़. इसे मैक्सिमम तीन महीने तक यूज़ कर सकते हैं. 

यार्सागुम्बा का साइड इफ़ेक्ट - 

इसे ऑलमोस्ट सेफ़ दवा माना जाता है पर हर किसी यह सूट नहीं करती. पेट की ख़राबी, डायरिया, चक्कर, सर दर्द और मुँह सुखना जैसी प्रॉब्लम हो सकती है, अगर आपको यह सूट न करे. 

इसका कैप्सूल और टेबलेट मार्केट में मिल जाता है,




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गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
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कील मुहाँसे और फुंसी के 100% सफल चिकित्सा

🌹✍🏻      कील मुहाँसे और फुंसी के 100% सफल चिकित्सा            ✍🏻🌹

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तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

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कील मुहाँसे और फुंसी के 100% सफल चिकित्सा

गोरखमुंडी 100 ग्राम ले। ये जड़ी बूटी बेचने वालों से
आसानी से मिल जाती है।
इसे पीस ले। आसानी से पीस जाती है।
1 कप पानी को उबाले। उबलते पानी मे एक चम्मच गोरखमुंडी
का पाउडर डाल दे।
बर्तन को ढक दें। आंच बंद कर दे।
5 मिनट बाद छान कर पी ले। सुबह शाम 2 समय ले। यदि कड़वी
दवा न पी सके तो मीठा मिला ले। यदि कब्ज भी हो तो
आरोग्यवर्धिनी वटी (दिव्य फार्मेसी ) 1/2 ग्राम पानी के
साथ सोते समय ले।
7-8 दिन मे मुहासे गायब हो जाएंगे। दवा 1 महिना ले ।
यदि ये दवा 6 महीने ले तो चश्मा उतर जाएगा। नजर कि
कमजोरी दूर हो जाएगी।
स्थायी लाभ के लिए हर दिन सुबह शीर्षासन करे 1-5 मिनट
तक।
लगाने के लिए Azithromycin Ointment लगाएँ।
कील मुहासों के स्थायी दाग हटाने के लिए कैशोर गुगुल (दिव्य
फार्मेसी ) 2-2 गोली गर्म पानी से ले। 6 महीने मे स्थायी दाग
भी हट जाएंगे।
चीनी +मैदा+चाय+अचार+इमली+ अमचूर न खाएं।
जिसे भी इस चिकित्सा से लाभ हो वह अपना अनुभव जरूर लिखें

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गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
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सेव का सिरका

🌹✍🏻   सेव का सिरका               ✍🏻🌹

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तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

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- विनेगर या सिरका एसिटिक एसिड और पानी का मिश्रण
होता हैं.
- ये एसिडिक होकर भी शरीर को अल्कलाइन बनाता हैं.
- इसका उपयोग शरीर के pH बैलेंस को संतुलित करने के लिए
औषधि के रूप में किया जाता हैं.
- एक स्वस्थ्य मनुष्य शरीर में रक्त का ph 7.35-7.45 तक, थूक
का 6.5-7.5 तक, और मूत्र का 6-7 तक होता हैं. शरीर
को स्वास्थ्य होने के लिए sथोड़ा सा अल्कलाइन
होना चाहिए.
- यदि आपको थकान, पेट में एसिडिटी , अलसर, कमज़ोरी, काम में
मन ना लगना, तनाव, गुस्सा आना, दातो में ठंडा गरम लगना,
कब्ज़, किडनी प्रोब्लेम्स आदि जैसे लक्षण हैं तो आप का शरीर
एसिडिक हो सकता हैं. ph लेवल्स ठीक करने में विनेगर
काफी महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता हैं.
- शराब का सेवन शरीर को एसिडिक करता हैं इसलिए शरीर
को डीटॉक्स करने के लिए विनेगर को इस्तेमाल
किया जा सकता है.
- इतना गुणकारी होने के बाद भी इसे सिर्फ चाऊमीन में डालते
ही देखा जाता हैं.
- एप्पल साइडर विनेगर में एसिटिक एसिड के साथ साथ
विटामिन्स , मिनरल्स , पेक्टिन,एमिनो एसिड्स आदि भी होते
है.
- पथरी होने पर एक गिलास पानी में 2-3 चम्मच सिरका डाल कर
इसका 2-3 हफ्ते सेवन किया जाए तो यह निकल जाएगा.
- यह पथरी के साथ होने वाली पेशाब में जलन में भी आराम
करता हैं.
- विनेगर के इस्तेमाल से ब्लड शुगर लेवल्स कम किये जा सकते हैं.
विनेगर के इस्तेमाल से ऐसे एंजाइम्स जो खाने में उपस्थित
कार्बोहायड्रेट को शुगर में बदलते हैं निष्क्रिय हो सकते हैं.
इसी वजह से शुगर लेवल को बढ़ने से रोका जा सकता हैं. इससे शरीर
की इन्सुलिन की जरुरत कम हो जाती हैं.
- एसिडिटी या गैस होने पर 1 गिलास पानी में 1-2 चम्मच विनेगर
डाल कर प्रयोग से इन सब में फायदा मिलता हैं.
- अगर खाने से पहले विनेगर का इस्तेमाल किया जाए तो ये भूख
बढ़ाता हैं, कब्ज़ को रोकता हैं हाज़मा ठीक करता हैं, इसके
अलावा खाने के बाद पेट भारी होना आदि जैसी समस्याओ में
मदद करता हैं.
- विनेगर का इस्तेमाल कैल्शियम का अवशोषण भी बढ़ाता हैं.
- विनेगर के इस्तेमाल से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल लेवल्स को कम
किया जा सकता हैं. इसके इस्तेमाल से हृदय धमनियों का कठोर
होना भी रोका जा सकता हैं.
- विनेगर के इस्तेमाल से चर्बी का बढ़ना रोका जा सकता हैं.
इसका इस्तेमाल करने से देखा गया हैं की ये लिवर सेल्स
को प्रोटेक्ट करता हैं और हमारे लिवर के लिए फायदेमंद होता हैं.
- गठिया: विनेगर का उपयोग गठिया में फायदा करता हैं. इसमें
मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, पोटैशियम जैसे मिनरल्स होते
हैं जिनकी कमी से जोड़ो का दर्द होता हैं. ACV में उपस्थित
पोटैशियम ख़ास तौर पर कैल्शियम डिपॉजिट्स रोकने में मददगार
होता हैं जिसकी वजह से ही जोड़ो में अकडन होती हैं.
- यह शरीर को डीटॉक्स करता है.
- ACV को पानी में मिलकर जोड़ो पर लगाया जाए तो इससे
जोड़ो के दर्द में भी आराम मिलता हैं.
- क्योंकि विनेगर में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी भी होती हैं
इसलिए इसका उपयोग और कही जगह किया जा सकता हैं अगर
सांस फूल राइ हो तो सिरके की भाप लेने से आराम मिलता है. ये
जमे हुए बलगम को ढीला करती हैं. - अगर गले में खराश और दर्द
हो तो पानी में सिरका मिलाकर गरारे करने से आराम मिलता हैं.
-पानी में विनेगर मिला कर लगाने से यह कील मुहासों में
भी आराम दिलाता हैं.
- अगर सब्ज़ियों को धोने में इसका इस्तेमाल किया जाए तो यह
ऐसे Pesticides भी निकल देता हैं जो पानी से धोने पर
नहीं निकल पाते और हमारे शरीर में जाते रहते हैं.
- इसके इस्तेमाल से भूख बढ़ती हैं, पेट का हाज़मा सही होता हैं,
कब्ज़ ठीक होती हैं, मिनरल्स का अब्सॉर्पशन अच्छा होता हैं,
पथरी नहीं बनती, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर ठीक रहता हैं, बॉडी के
Detoxification में हेल्प करता हैं, शरीर को अच्छा महसूस कराता हैं
और तो और कुछ खतरनाक बीमारी के खतरे से भी दूर करता हैं
तो इसे टॉनिक क्यों ना कहा जाए.
- ध्यान रखे की विनेगर का सेवन हमेशा पानी के साथ करे
कभी भी इससे सीधे न पिये, जब भी इसका सेवन करे उसके बाद
कुल्ला करे क्योंकि ये दांतो के संपर्क में आने पर उनका एनामेल
इरोड करता हैं.
- कुछ लोगो में ये एलर्जिक रिएक्शन भी कर सकता हैं.
- इसके अलावा कुछ दवाओ जैसे की पेशाब, कब्ज़, ब्लड प्रेशर, और
हृदय संबंधि आदि के साथ इसका प्रयोग दोनों में रासायनिक
प्रतिक्रिया पैदा कर सकता हैं.
- जिन्हे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हैं वो इसका इस्तेमाल
कम मात्रा में या फिर कैल्शियम के साथ ही करे.

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गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
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गंधक तेल

🌹✍🏻    गंधक तेल     ✍🏻🌹

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गंधक का तेल बनाने के लिए 1 गज भर कपड़ा लेकर के उसको थूहर के दूध से भिगो के सुखा दें फिर आप के दूध से सुखा दें उन्हें इसी प्रकार से करें ऐसा 7 बार करें फिर गंधक को घी में मिलाकर के कपड़े पर मोटा लेप करते हैं और इस कपड़े को एक  बत्ती की तरह बना ले रोल करके और एक खूंटी पर टांग दें और उसमें आग जला दें आग नीचे से लगानी है नीचे एक बर्तन रख दें बर्तन में निचे तेल जमा हो जाएगा ।

गुण - इस तेल से दाद, खाज ,खुजली , में शर्तिया फायदा होता है प्रयोग करे और फायदा ले और दुसरो को भी दे

note- पथरी की दवा के लिए संपर्क करे चाहे कही भी पथरी हो शर्तिया ठीक करने होती है

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गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
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श्वास रोग

🌹✍🏻    श्वास रोग               ✍🏻🌹
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योग - करंजवे का  गूदे 50 gm
       पिप्पली 90 gm
को पीस कर अदरख के रस में घुटाई करे और काली मिर्च के बराबर गोली बना ले और सुबह दो या तिन गोली गुनगुने पानी से ले

दूसरा योग -

आक की कली जो खिली न हो 100gm
पिप्पली 50gm
लाहौरी नमक 50 gm

इन तीनो को पीस कर जंगली बेरी के बराबर गोली बना ले
एक एक गोली प्रतिदिन सेवन करे

तीसरा योग - सीप को जलाकर उसकी भस्म को अदरक के रस में घोट कर चने के वराबर गोली बनाकर सेबन करे
note- सीप भस्म मार्केट में बनी बनाई भी मिल जायेगी

इस सभी दवाओ के साथ कनकासव के दो ढक्कन दवा बराबर पानी के साथ सेबन करे

कफ प्रवृत्ति की चीजो से परहेज रखे और पेट साफ़ रखे कब्ज न रहने दे

नोट- पथरी की दवा के लिए मुझसे संपर्क करे
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गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
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दर्द हर लाल तेल

🌹✍🏻     दर्द हर लाल तेल        ✍🏻🌹

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आवश्यक सामिग्री -
सरसों का तेल 250 gm
तारपीन का तेल 100 gm
लहसुन की कली 50 gm
रतजोत 20 gm
पुदीना सत्व 10 gm
अजवाइन सत्व 10gm
भीमसेनी कपूर 10 gm 

निर्माण विधि - सर्व प्रथम पुदीना सत्व , अजबाइन सत्व , कपूर को एक बोतल में बन्द  कर दे तीनों पानी हो जायेगी दूकान से लाये तो इन्हें इकट्ठा न करे या किसी बोतल में रख कर लाये ये आपका अमृत धारा बन जायेगी

फिर एक बर्तन में सरसों का तेल गर्म करे और निचे उतार ले फिर उसमे लहसुन पीस कर या कुचल कर तेलमें डाल दे और दुबारा गर्म करे और जब लहसुन जल जाए तो उतार ले और गर्म तेल में ही रतनजोत डाल दे और खूब मिलाये ये ध्यान रहे की बून्द ऊपर न गिर जाए तेल एक दम लाल हो जाएगा और तेल ठंडा होने पर इसमे अमृतधारा और तारपीन का तेल भी मिला दे और किसी बोतल में भर के रख दे बस दर्द नाशक तेल तैयार हो गया

प्रयोग बिधि - दर्द बाली जगह पर इसकी मालिस करे आराम मिलेगा

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एकतरा ज्वर यानी पारी का ज्वर 🏻🌹

🌹 एकतरा ज्वर यानी पारी का ज्वर 🏻🌹

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तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

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एक दिन छोड़ कर आने बाले बुखार के लिए आप अपामार्ग की छोटी सी लकड़ी एक अंगुल के बराबर सफ़ेद धागे या कपड़े में बाँध कर बुखार की पारी वाले दिन बाँह मैं बाध दे महिला को लेफ्ट में और पुरुष को दायें में अनुभूत है करे और फायदा ले

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दाद , खाज , खुजली

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मूली के बिज पानी मे पीस कर लेप करे पहले दिन जलन होगी दूसरे दिन कम और इसी तरह 4- 5 बार के प्रयोग से ठीक हो जायेगी और जो दवा जलन करेगी बो ही अंदर तक जाकर बिमारी को भेद करे जल्दी ठीक करेगी


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बाजीकरण योग

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घुँघची यानी रत्ती (चिरमिटी ) को दूध में उबाल कर उस दूध से दही जमा कर घी बनाये ये घी या मक्खन बहुत उत्तम बाजीकरण करण करता है बुढापे में सम्भोग में आनंद देने की शक्ति इस योग मैं है

निल शुक्राणु या गुप्त रोग की अन्य किसी समस्या के लिए संपर्क करे 9466623519

note- पथरी , pcod की समस्या , थाइराइड , एवं गुप्त रोग की दवा मगाने के लिए संपर्क कर सकते है

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बाइपास सर्जरी की छुट्टी

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नमस्कार दोस्तों आज आपको मैं गुरुवेंद्र सिंह शाक्य एक ऐसा नुक्सा दूँगा जिससे bypass सर्जरी की छुट्टी हो जायेगी और साथ ही साथ ह्रदय सम्बन्धी अन्य रोग समूल नष्ट हो जायेगे ये एक ह्रदय रोग की राम बाण औषधि है

इसको गुजरात के प्रसिद्ध नेता श्री चिमन भाई पटेल की पत्नी तथा पूर्ब केंद्रीय मंत्री श्री मती उर्मिला बेन एक बार हृदय रोग से ग्रस्त हो गयी dr बाईपास सर्जरी के लिए बोल दिए पर उन्होंने एक प्रयोग किया जिससे उनकी सर्जरी रुक गयी और पूर्णतया ठीक हो गयी

ये बेसकिमती नुकसान आप लोगो के लिए प्रेषित करता हु आप लोग इससे फायदा लेंगे मुझे बिस्वास है

प्रयोग - एक तोला काली साबुत उड़द रात को   छिलके सहित गर्म पानी में भिगो दे सुबह ये दाल पानी से निकाल ले ब छिलके सहित बिना नमक मिर्च के सिल बट्टे पर पीस ले फिर इस पिसी दाल में एक तोला शुद्ध गुग्गुल के चूर्ण में मिला ले फिर एक खरल में डाल कर उसमे एक तोला अरंडी का तेल और देसी गाय का मक्खन एक तोला डाल कर घोटे वस दवा तैयार हो गयी

प्रयोग बिधि - रोगी को नहला धुला कर सरीर को अच्छी तरह से पोछ कर ये पेस्ट यानी तैयार दवा छाती समेत पेट पर मले व लेप कर दे और लिटा दे जब लेप सुख जाए तो रोगी उठ बैठ सकता है ये लेप प्रतिदिन 5 दिन तक करे और एक माह के बाद फिर पाँच दिन करे बस माँ भगवती  की कृपा से फिर दुबारा जरूरत न पड़े ।

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एम 2 टोन सिरप और एम 2 टोन टेबलेट

🌹✍🏻 एम 2 टोन सिरप और एम 2 टोन टेबलेट  ✍🏻🌹

जासु कृपा कर मिटत सब आधि,व्याधि अपार

तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

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एम 2 टोन सिरप और एम 2 टोन टेबलेट (M2 Tone Syrup And Tablet)

M2 tone syrup and tablet Composition, Benefits and Side Effects
आयुर्वेदिक प्रोप्राइटरी मेडिसिन

एम 2 टोन सिरप और एम 2 टोन टेबलेट (M2 Tone Syrup and Tablet) आयुर्वेदिक औषधि है जिसे मासिक अनियमितताओं, भारी रक्तस्राव, गर्भाशय की शिथिलता, अनार्तव (Amenorrhea), डिंबक्षरण (anovulation) और बांझपन के लिए उपयोग किया जाता है।


एम 2 टोन गोलियों और सिरप के रूप में उपलब्ध है। दोनों में लगभग सभी घटक समान हैं और समान लाभ प्रदान करते हैं। चरक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड एम 2 टोन सिरप और टेबलेट का निर्माण करता है।

चिकित्सकीय संकेत (Indications)
एम 2 टोन को मादा प्रजनन प्रणाली की निम्नलिखित बीमारियों के लिए निर्दिष्ट और उपयोग किया जाता है।

Anovulation – डिंबक्षरण की अनुपस्थिति या अंडाशय अंडे का उत्पादन नहीं कर रहा है) – एम 2 टोन गोलियों या सिरप को क्लोमिफेन साइट्रेट (Clomiphene citrate) के साथ उपयोग किया जा सकता है।
स्त्री में बांझपन (विशेष रूप से अज्ञात मूल का बांझपन)
Oligomenorrhea (असामान्य या हल्का मासिक स्राव)
मासिक धर्म अनियमितताएं
गर्भाशय रक्त स्राव (DUB)
एआरटी (Assisted Reproductive Techniques protocols) के साथ सहायक चिकित्सा
एमटीपी के बाद (गर्भावस्था के मेडिकल टर्मिनेशन) और डी एंड सी (डिलेटेशन एंड क्युरेटेज) जैसी प्रक्रियाएं
रक्तप्रदर (Metrorrhagia) – असामान्य अत्यधिक रक्तस्राव
कष्टार्तव – मासिक धर्म के दौरान दर्द
श्वेतपदर (leukorrhea)
निष्क्रिय गर्भाशय (Sluggish uterus)
गर्भाशय की ऐंठन (Uterine spasms)
एम 2 टोन के लाभ
एम 2 टोन से मासिक धर्म में असामान्यताओं जैसे अत्यधिक रक्तस्राव, अनियमितताओं, एनोव्यूलेशन, अस्पष्टीकृत बांझपन और गर्भाशय संबंधी समस्याओं में लाभ मिलता है। यह मासिक धर्म के दौरान प्राकृतिक माहवारी को बहाल करने और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है।

एम 2 टोन के लाभ के साथ एम 2 टोन के कुछ उपयोग यहां दिए गए हैं:


गर्भाशय टॉनिक

एम 2 टोन एक प्रसिद्ध गर्भाशय टॉनिक है। यह गर्भाशय को पौष्टिक सहायता प्रदान करता है और अन्तर्गर्भाशयकला को स्वास्थ्य रखता है।

यह दबाव, चिंता और तनाव में राहत देता है क्योंकि इसमें जड़ी बूटी होती है जो मन से तनाव और चिंता को छोड़ने में मदद करती है। ये जड़ी-बूटियाँ हैं अश्वगंधा (Ashwagandha) और जटामांसी (Nardostachys jatamansi)।

शतावरी, देवदारु और नागकेसर ग्रंथियों के सामान्य कार्यों को बढ़ाता है और महिला हार्मोन के प्राकृतिक संतुलन को बहाल करने में मदद करता है।

कष्टार्तव या डिसमेनोरीया
(माहवारी के दौरान गर्भाशय की ऐंठन या दर्द)

एम 2 टोन में जटामांसी है, जो एक प्रसिद्ध एंटीस्पास्मोडिक (आक्षेपनाशक) है। इसलिए, एम 2 टोन मासिक धर्म के दर्द और गर्भाशय के ऐंठन में फायदेमंद है।

हीमोग्लोबिन स्तर में सुधार करता है


एम 2 टोन में कसीस भस्म नामक लोहे का पूरक है। यह एक अच्छा हीमेटिनिक है।

एस्ट्रोजेनिक अपर्याप्तता (Estrogenic Insufficiency)
एम 2 टोन को विशेष रूप से मासिक धर्म संबंधी विकारों के लिए तैयार किया गया है। इसमें जड़ी-बूटियाँ और खनिज यौगिक शामिल हैं जैसे अशोक और लोध्र, जो प्रो-एस्ट्रोजेनिक एजेंट के रूप में काम करते हैं। ये तत्व एस्ट्रोजन हार्मोन की अपर्याप्तता में सुधार करने में सहायता करते हैं।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)
एम 2 टोन पीसीओएस में भी प्रभावी है। लाभकारी आयुर्वेदिक संयोजन इस प्रकार है:

एम 2 टोन गोलियां या सिरप खुराक के अनुसार
हाइपोनिड गोलियाँ 2 पानी के साथ एक दिन में तीन बार
चंद्रप्रभा वटी (Chandraprabha Vati) 2 दूध के साथ दिन में दो बार
एम 2 टोन पीसीओडी अन्य आयुर्वेदिक दवाओं जैसे कि चंद्रप्रभा वटी (Chandraprabha Vati) के साथ भी मदद करता है। यदि आवश्यक हो तो आरोग्यवर्धिनी वटी (Arogyavardhini Vati) को भी शामिल किया जा सकता है।

अनियमित मासिक धर्म
एम 2 टोन मासिक धर्म अनियमितताओं में मदद करता है। एम 2 टोन फार्मूला आमतौर पर मासिक धर्म प्रवाह को सुधारने में अच्छी तरह से काम करता है और मासिक धर्म चक्र को सामान्य बनाता है। इस मामले में, एम 2 टोन गोलियाँ या सिरप को कम से कम 3 से 6 महीने के लिए नियमित रूप से लेना चाहिए। जैसे कि इसमें अशोक एक प्रमुख घटक होता है, इसलिए यदि आपको कम सम(य के लिए भारी रक्तस्राव हो रहा हो तो यह अधिक उपयोगी होगा।

अनार्तव (Amenorrhea) – अनुपस्थित मासिक
एम 2 टोन गोलियां और सिरप दोनों माध्यमिक अमनोरिया में फायदेमंद होते हैं। इन दोनों में अन्य घटकों के साथ कसीस भस्म भी होती है। यह मासिक धर्म प्रवाह को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। निम्नलिखित आयुर्वेदिक संयोजन इस मामले में मदद कर सकते हैं:


एम 2 टोन गोलियां या सिरप खुराक के अनुसार
राजा प्रवर्तीनी वटी 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम
वंग भस्म 125 मिलीग्राम
* दिन में दो बार

डिंबक्षरण (Anovulation)
डिंबक्षरण तब होता है जब अंडकोष फैलोपियन ट्यूबों में परिपक्व अंडे मुक्त नहीं करता है। यह 30% बांझ महिलाओं में एक मुख्य कारण है। डिंबक्षरण का मुख्य कारण हार्मोन असंतुलन है। एम 2 टोन के कई घटक शरीर में हार्मोन असंतुलन को सामान्य बनाने में मदद करते हैं और अंडे को छोड़ने के लिए अंडाशय को प्रोत्साहित करते हैं।

एम 2 टोन खुराक के अनुसार
कुमार्यासव 4 चम्मच दिन में दो बार
गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए पूरक सहायक चिकित्सा के रूप में क्लॉम्फेनी साइट्रेट के साथ एम 2 टोन का भी प्रयोग किया जा सकता है।

निष्क्रिय गर्भाशय (Sluggish Uterus)
एम 2 टोन का मुख्य घटक अशोक है जो गर्भाशय की निष्क्रियता के लिए एक पसंदीदा दवा है।

एम 2 टोन गोलियां या सिरप खुराक के अनुसार
अश्वगंधा (विथानिआ सोनिफेरा) दूध के साथ 2 ग्राम पाउडर
या

अशोक (सरका इंडिका) दूध के साथ 2 ग्राम पाउडर
अश्वगंधा (विथानिआ सोनिफेरा) दूध के साथ 2 ग्राम पाउडर
* दिन में दो बार


बांझपन
बांझपन के कुछ मामलों में, अंतर्निहित कारण अज्ञात रहता है और उपचार असंभव हो जाता है। एम 2 टोन इन मामलों में मदद कर सकता है क्योंकि एम 2 टोन में सभी अवयव, विशेषकर अशोक महिला प्रजनन प्रणाली के प्राकृतिक कार्य को बहाल करने में मदद करता है।

निम्नलिखित संयोजन इस मामले में उपयोगी है।

एम 2 टोन गोलियां या सिरप खुराक के अनुसार
अश्वगंधा दूध के साथ 2 ग्राम पाउडर दिन में दो बार
श्वेतपदर (ल्यूकोरिया)

एम 2 टोन की गोलियाँ श्वेतपदर या ल्यूकोरिया में फायदेमंद होती हैं। अन्य आयुर्वेदिक औषधियों के साथ, यह ल्यूकोरिया में अच्छे परिणाम देता है। कुछ महिलाऐं अकसर आधुनिक उपचार के बाद ल्यूकोरिया की आवृत्ति और पुनरावृत्ति से पीड़ित हो जाती हैं। निम्नलिखित आयुर्वेद संयोजन इन मामलों में मदद कर सकते हैं। सभी संयोजनों में एकल खुराक शामिल है। संयोजन एक दिन में दो बार लिया जाना चाहिए।

यदि सफेद निर्वहन और कमजोरी हो:
एम 2 टोन टैबलेट 2 टैबलेट
सुपारी पाक 2 ग्राम
कुक्कुटाण्डत्वक  भस्म 250 मिलीग्राम
गोदान्ती भस्म 250 मिलीग्राम

कमजोरी, सफेद निर्वहन और पीठ दर्द
एम 2 टोन टैबलेट 2 टैबलेट
मधु मालिनी वसंत रस 500 मिलीग्राम
गोदान्ती भस्म 250 मिलीग्राम

पीले निर्वहन के साथ बदबूदार गंध
एम 2 टोन टैबलेट 2 टैबलेट
आरोग्यवर्धिनी वटी 1 ग्राम (2 टेबलेट)
गोदान्ती भस्म 250 मिलीग्राम
वंग भस्म 125 मिलीग्राम
अन्य लाभ
एम 2 टोन एंडोमेट्रियम (अन्तःगर्भाशय) के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
यह मासिक धर्म रक्त प्रवाह मात्रा को सामान्य बनाता है।
यह हाइपोथैलमिक – पिट्यूटरी – ओवेरियन (HPO) एक्सिस फ़ंक्शंस को पुनर्स्थापित करने में मदद करता है।
यह एंडोमेट्रियम की मोटाई में सुधार करके आरोपण के लिए गर्भाशय को तैयार करने में मदद करता है।
यह गर्भावस्था के परिणामों में सुधार करता है।

मात्रा एवं सेवन विधि (Dosage)
एम 2 टोन गोलियों की सामान्य खुराक 2 गोली दिन में दो बार है और एम 2 टोन सिरप की खुराक 2 चम्मच दिन में दो बार है, इस लेख के लक्षण अनुच्छेद के लक्षणों के आधार पर। एम 2 टोन के साथ इलाज की अवधि कम से कम 3 महीने होनी चाहिए। अधिक विवरण नीचे दिया गया है।

एम 2 टोन टेबलेट की खुराक
मासिक धर्म की समस्याएँ (मासिक धर्म अनियमितता और भारी रक्तस्राव) दो गोलियाँ दिन में दो बार 3 से 6 महीने के लिए
महिला बांझपन या एनोव्यूलेशन (डिंबक्षरण) दो गोलियाँ दिन में दो बार गर्भधारण होने तक
अधिकतम संभावित खुराक (प्रति दिन या 24 घंटों में) 6 गोलियां (विभाजित मात्रा में)
एम 2 टोन सिरप की खुराक
मासिक धर्म की समस्याएँ (मासिक धर्म अनियमितता और भारी रक्तस्राव) 2 – 3 चम्मच दिन में दो बार 3 से 6 महीने के लिए
महिला बांझपन या एनोव्यूलेशन (डिंबक्षरण) 2 – 3 चम्मच दिन में दो बार गर्भधारण होने तक
अधिकतम संभावित खुराक (प्रति दिन या 24 घंटों में) 6 चम्मच (विभाजित मात्रा में)
एम 2 टोन कैसे लें
ऊपर वर्णित खुराक के अनुसार, अधिकतम लाभ के लिए एम 2 टोन को भोजन के एक घंटे बाद दिन में दो बार सामान्य पानी से लेना चाहिए।

अनुशंसित उपचार अवधि
आम तौर पर, आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे 3 से 6 महीनों तक उपयोग करने की सलाह देते हैं। कुछ मामलों में, जैसे बांझपन और अंडाशय से अंडा उत्पादन की समस्याओं में, आपको सामान्य से अधिक लंबी अवधि के लिए नियमित रूप से एम 2 टोन लेना पड़ सकता है, जो कि 6 से 12 महीनों तक हो सकता है।

एम 2 टोन दुष्प्रभाव
एम 2 टोन में मुख्य घटक अशोक है। कुछ लोगों में इसके बंधनकारी गुणों के कारण कब्ज हो सकती है, लेकिन इस दुष्प्रभाव को एम 2 टोन के उपयोग के कारण नहीं बताया जाता है क्योंकि इसमें हरीतकी भी होता है, जो कब्ज को रोकता है।

एम 2 टोन दीर्घकालिक उपयोग के लिए सुरक्षित हो सकता है। मासिक धर्म के दौरान भी इसे सुरक्षित रूप से लिया जा सकता है यह गर्भावस्था के नतीजे में सुधार कर सकता है।

एम 2 टोन हार्मोन थेरेपी के मुकाबले सुरक्षित है, क्योंकि इससे मतली, उल्टी, सिरदर्द, और स्तन की संवेदनशीलता नहीं होती है।

एम 2 टोन टेबलेट के घटक द्रव्य (Ingredients)
प्रत्येक एम 2 टोन टेबलेट में शामिल है:

घटक का नाम मात्रा
सत्व निम्नलिखित द्रव्यों से निकालें हुए: –
अशोक 800 मिली ग्राम
लोध्र 100 मिली ग्राम
हरीतकी 40 मिली ग्राम
शिवलिंगी – Shivlingi Beej 40 मिली ग्राम
आमलकी 20 मिली ग्राम
देवदारु 20 मिली ग्राम
कोकिलाक्ष (तालमखाना) 20 मिली ग्राम
शतावरी (Shatavari) 20 मिली ग्राम
अडूसा (वासा) – Adhatoda vasica 20 मिली ग्राम
वट 20 मिली ग्राम
चूर्ण: –
कमल 40 मिली ग्राम
उशीर 40 मिली ग्राम
जटामांसी 20 मिली ग्राम
जीरा – Cuminum cyminum 20 मिली ग्राम
कंकोल (शीतलचीनी या सुगंध मरिच) 20 मिली ग्राम
लौंग (लवंग) 20 मिली ग्राम
नागकेसर 20 मिली ग्राम
शाल्मली 20 मिली ग्राम
सोंठ (शुंठी) 20 मिली ग्राम
खनिज: –
अभ्रक भस्म – Abhrak bhasma 4 मिली ग्राम
गैरिक 10 मिली ग्राम
कुक्कुटाण्डत्वक भस्म – Kukkutandatvak bhasma 10 मिली ग्राम
मंडूर भस्म – Mandur bhasma 10 मिली ग्राम
शुद्ध कसीस 10 मिली ग्राम
सोनागेरु 10 मिली ग्राम
वंग भस्म – Vang bhasma 10 मिली ग्राम
यशद भस्म – Yashad bhasma 10 मिली ग्राम

एम 2 टोन सिरप के घटक द्रव्य (Ingredients)
5 मिली लीटर एम 2 टोन सिरप में शामिल है:

घटक का नाम मात्रा
कसीस भस्म – Kasis Bhasma 10 मिली ग्राम
अशोक 400 मिली ग्राम
दशमूल 100 मिली ग्राम
शतावरी – Asparagus racemosus 100 मिली ग्राम
मुस्तक (नागरमोथा) 60 मिली ग्राम
जामुन – Jamun 40 मिली ग्राम
बिभीतकी 30 मिली ग्राम
कमल चूर्ण 30 मिली ग्राम
आमलकी 20 मिली ग्राम
अश्वगंधा – Withania somnifera 20 मिली ग्राम
हरीतकी 20 मिली ग्राम
लोध्र 20 मिली ग्राम
अम्र 10 मिली ग्राम
बला 10 मिली ग्राम
भृंगराज 10 मिली ग्राम
बिल्व 10 मिली ग्राम
जटामांसी 10 मिली ग्राम
जीरक (जीरा) 10 मिली ग्राम
खदिर 10 मिली ग्राम
शाल्मली 10 मिली ग्राम
शुंठी 10 मिली ग्राम
वट 10 मिली ग्राम
देवदारु 7 मिली ग्राम
लौंग (लवंग) 5 मिली ग्राम
नागकेसर 5 मिली ग्राम
पिप्पली 5 मिली ग्राम
सारिवा 5 मिली ग्राम
त्वक (दालचीनी) 5 मिली ग्राम
विडंग 5 मिली ग्राम
गुडूची (गिलोय) – Tinospora cordifolia 2 मिली ग्राम
निशोतर 2 मिली ग्राम
शिवलिंगी – Shivlingi Beej 2 मिली ग्राम
वच (Vacha) 2 मिली ग्राम
कंकोल (शीतलचीनी या सुगंध मरिच) 1 मिली ग्राम
किराततिक्त 1 मिली ग्राम
दारुहरिद्रा (दारुहल्दी) 1 मिली ग्राम
सिरप बेस
Q.S.
एम 2 टोन के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या मैं अपनी ऋतुस्रव (मासिक स्राव) के दौरान एम 2 टोन टेबलेट / सिरप ले सकती हूं?

हां, आप मासिक धर्म (अवधि) के दौरान एम 2 टोन गोलियां या सिरप ले सकते हैं। इसके आपके मासिक धर्म चक्र को किसी भी नकारात्मक तरीके से प्रभावित करने की संभावना नहीं है।

एक बार मासिक स्राव नियमित हो जाने पर, रोगी को कितने समय तक एम 2 टोन लेना चाहिए?

एक बार मासिक धर्म नियमित होने पर, एम 2 टोन को लेना बंद किया जा सकता है। लेकिन एम 2 टोन का न्यूनतम तीन महीने का कोर्स पूरा किया जाना चाहिए।

क्या एम 2 टोन पीसीओएस का इलाज करता है?

अकेले एम 2 टोन पीसीओएस के इलाज में मदद नहीं कर सकता है। हालांकि, यह पीसीओएस में लक्षणों को कम करने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। अन्य उपचारों के साथ, यह पीसीओएस का इलाज करने में भी मदद कर सकता है।

मुझे मासिक के समय भारी रक्तस्राव होता है। आयुर्वेद में एम 2 टोन के साथ सबसे अच्छी दवाएं क्या हैं?

हालांकि, आयुर्वेद में स्वास्थ्य स्थिति और दोष के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग दवाएँ हो सकती हैं। आम तौर पर, एम 2 टोन के साथ अशोकारिष्ट, चंद्रप्रभा वटी, प्रवाल-पिष्टी आदि सबसे अच्छे विकल्प होंगे।

मैं एम 2 टोन ले रही हूँ, लेकिन अभी भी भारी रक्तस्राव हो रहा है। क्या यह सामान्य है?

यह सामान्य नहीं है यदि आप इसे एक महीने से अधिक समय से ले रहे हैं। आपको अन्य उपायों की आवश्यकता हो सकती है जैसे अशोकारिष्ट, रक्तपदर ऋतू चूर्ण, प्रवाल पिष्टी, आमलकी रसायन और लिकोरिस पाउडर। कृपया आगे सहायता के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करें।
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गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
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