गुरुवार, 19 अक्तूबर 2017

आयुर्वेदिक मलहम

🌺🙏🏻🌺 *!! आयुर्वेदिक मलहम !!* 🌺🙏🏻🌺

            *!! हरा मलहम !!*

*गुण व उपयोग :-* यह मलहम घावों का शोधन कर, फोड़े को पका कर फोड़ने वाला (विदारक) है ! यदि व्रणशोथ पक जाने पर भी नही फूटता हो, तो इसकी पट्टी लगाने से जल्द फूट कर मवाद बाहर आ जाता है !!

       *!! बिरोजे का लाल मलहम !!*

*गुण व उपयोग :-* यह जख्मों को शुद्ध कर उन्हे भरने का काम करता है ! दर्द वाले स्थान पर इस मलहम की पट्टी लगाने से पूर्व उस स्थान के बाल साफ कर लेने चाहिए एवं गर्म चाकू से पट्टी पर मलहम फैलाकर दर्द वाले स्थान पर बांधने से लाभ मिलता है !!

       *!! शीतल मलहम !!*

*गुण व उपयोग :-* इसके लगाने से पानी वाली खुजली की फुंसीयाँ तत्काल फूट जाती हैं ! व बार- बार इसी को कुछ रोज तक लगाने से आराम होकर सूख जाती है ! फोड़े, फुंसी, जले हुए घाव में भी लाभदायक है !!

        *!! श्वेत मलहम !!*

*गुण व उपयोग :-* बच्चों की गुदा एवं मूत्रेन्द्रिय आस-पास के स्थान की सूजन व पाक में तथा अन्य फोड़े, फुंसी, बवासीर आदि में इससे लाभ मिलता है !!

       *!! महात्मा जी का मलहम !!*

*गुण व उपयोग : -* महात्मा जी के मलहम को जिस फोड़े पर लगाना हो, पहले कपड़ेकी गोलाकार उतनी ही बड़ी पट्टी काट लें, बीच में जरा-सा छेद रहने दें ! फिर मलहम को उस कपड़े पर लगा कर आग की सहायता से जरा तपा कर फोड़े पर चिपका दें ! इससे फोड़ा बहुत जल्दी बह जाएगा ! यदि सूजन होगी, तो वह भी ठीक हो जाएगी !!

       *!! नासूरनाशक मलहम !!*

*गुण व उपयोग : -*आवश्यकता पड़ने पर नासूर के मुख पर लगा कर ऊपर से आक के पत्ते तीन दिन के लिए बांध दें ! तीन दिन के बाद पट्टी खोलने पर नासूर घाव के अन्दर एक पतला डोरा रहता है, यही इस घाव में प्रधान उपद्रव-कारक है ! इसके निकल जाने पर घाव बहुत जल्दी भर जाता है ! इसमें किसी प्रकार की पीड़ा नही होती है ! प्राय: एक ही पट्टी में यह कार्य हो जाता है ! यदि कुछ बचा रह जाए, तो तीन दिन के बाद फिर दूसरी पट्टी बांध दें ! पट्टी के दौरान स्नान नही करना चाहिए !!

       *!! नेत्ररोगहर मलहम !!*

*गुण व उपयोग : -* आँख आने पर नेत्ररोगहर मलहम का उपयोग करने से शीघ्र लाभ मिलता है !!

        *!! जीवन्त्यादि मलहम !!*

*गुण व उपयोग : -*जीवन्त्यादि मलहम को खारीश, घाव, बवासीर के मस्से, हाथ- पाँव के तलवे फटने एवं पाँव की अंगलियों के पके हुए हिस्सों पर लगाने से लाभ मिलता है !!

      *!! चर्मरोगनाशक मलहम !!*

*गुण व उपयोग : -*इसके लगाने से दाद, खाज, नासुर, भगन्दर, छोटी-छोटी फुंसीयां, फोड़े-फुंसी आदि ठीक हो जाते हैं !!

        *!! घाव की उत्तम मलहम !!*

*गुण व उपयोग : -* यह मलहम सब तरह के घावों में फायदा करती है ! नीम के पत्तों के पानी से घावों को अच्छी तरह धोकर दिन में दो बार मलहम को लगाने से कठिन व पुराने घाव भी ठीक हो जाते हैं !!

       *!! गुलाबी मलहम !!*

*गुण व उपयोग : -* इस मलहम के उपयोग से खाज, खुजली, आग से जला हुआ घाव व बवासीर के मस्से ठीक हो जाते हैं व दर्द और जलन में भी आराम मिलता है !!

       *!! काला मलहम !!*

*गुण व उपयोग : -*मवाद वाले फोड़ों पर इस मलहम की मोटे कपड़े पर पट्टी बनाकर लगाने से मवाद बाहर निकल आता है व आगे बनना बंद हो जाता है !!

      *!! उपदंशहर मलहम !!*

*गुण व उपयोग :-* गर्मी (उपदंश), आतशक के कारण जननेन्द्रिय के ऊपर या भीतर हुए घावों व चकतों पर लगाने से जल्दी ठीक हो जाते हैं !!

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