शनिवार, 14 अक्तूबर 2017

आयुर्वेदिक चूर्ण भाग ३

🌺🙏🏻🌺 *!! आयुर्वेदिक चूर्ण भाग ३ !!* 🌺🙏🏻🌺

          *!! प्रदरनाशक चूर्ण !!*

*गुण व उपयोग -* इसके सेवन से समस्त प्रकार के प्रदर रोग शीघ्र नष्ट होते हैं !!
        यह रक्त प्रदर, योनी शूल, रक्त अतिसार, रक्तार्श, कृमि रोग, आंव मिश्रित रक्त अतिसार, गर्भाशय की कमजोरी में विशेष लाभदायक है !!

*मात्रा व अनुपान -* १ से ३ ग्राम, शहद के साथ चाट कर उपर से चावल भिगो कर बनाया गया ‌‌‌पानी पीयें !!

           *!! पुष्यानुग चूर्ण !!*

*गुण व उपयोग -* स्त्रियों के प्रदर रोग की उत्तम दवा है !!
        इस चूर्ण के सेवन से योनि रोग, योनिक्षत, बादी तथा खूनी बवासीर, नीला व पीला योनि स्राव (प्रदर), योनिदाह, रक्त प्रदार, श्वेत प्रदर, अतिसार, दस्त में खून आना, कृमि एवं खूनी आंव आदि रोगों में लाभ मिलता है !!

*मात्रा व अनुपान -* २ से ३ ग्राम, दिन में दो बार !!

         *!! पुष्पावरोधग्न चूर्ण !!*

*गुण व उपयोग -* स्त्रियों को मासिक धर्म न होना या कष्ट होना तथा रुके हुए मासिक धर्म को खोलता है !!

*मात्रा व अनुपान -* ६ से १२ ग्राम दिन में तीन समय गर्म जल के साथ !!

          *!! पुनर्नवा चूर्ण !!*

*गुण व उपयोग -* यह समस्त प्रकार की सूजन में विशेष लाभ करता है ! इसके सेवन से उदर रोग, पेशाब की रूकावट, पेशाब खुल कर न आना आदि में लाभ मिलता है !!
      किन्तु वैद्यगण इसका अधिकतम प्रयोग शरीर के किसी भी भाग की सूजन को हटाने के लिए करते हैं !!

*मात्रा व अनुपान -* ३ ग्राम की मात्रा में गौमूत्र के साथ !!

        *!! पामारि प्रलेप !!*

*गुण व उपयोग -* सरसों के तेल में मिलाकर खूजली पर मालिश करने से ३ - ४ दिन के अन्दर ही खूजली को आराम हो जाता है ! यह दवा तेज है, अत: पहले बहुत कम चूर्ण तेल में मिला कर मालिश करें !!
        जैसे-जैसे सह्य होता जाए, वैसे-वैसे दवा की मात्रा बढ़ाकर लगानी चाहिए ! यह सुकुमार प्रकृति वालों को उपयोग ‌‌‌नही करना चाहिए !!

        *!! पंचसम चूर्ण !!*

*गुण व उपयोग -* इसका उपयोग पेट के रोगों में किया जाता है ! यह पेट का दर्द, पेट का फूलना, गुल्म, तिल्ली, कब्ज आदि में लाभ दायक है ! यह पाचन क्रिया को मजबूत करता है !!

*मात्रा व अनुपान -* ३ ग्राम, दिन में दो बार पानी के साथ !!

          *!! पंचसकार चूर्ण !!*

*(विरेचक चूर्ण )*

*गुण व उपयोग -* यह कब्ज को दूर करने वाला व पाचन शक्ति को मजबूत कर भूख बढ़ाने वाला है। कब्ज हेतु इसका विशेष उपयोग होता है !!

*मात्रा -* रोगी के अनुसार ३ से ५ ग्राम सुबह साम प्रयोग करें !!

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1 टिप्पणी:

  1. पुष्पावरोधग्न चूर्ण
    कौनसी फार्मेसी बनाती है
    और कोन सा अच्छा पॉर्ड्क्ट है
    कृपया करके बताएं, धन्यवाद.

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