शुक्रवार, 13 अक्तूबर 2017

श्वासचिन्तामणि रस (बृहत्)*

🌺🙏🏻🌺 *!! श्वासचिन्तामणि रस (बृहत्)* 🌺🙏🏻🌺

*गुण व उपयोग :-* इसके सेवन से पुराने और कठिन श्वास रोग, खाँसी, जुकाम, ज्वर आदि में उत्तम लाभ मिलता है ! इसमें स्वर्ण भस्म, लौह भस्म, शुद्ध गन्धक, अभ्रक भस्म, मुक्तापिष्टी, स्वर्ण माक्षिक भस्म आदि घटक द्रव्य होते हैं ! यह श्वास संस्थान की विकृति एवं फेफड़ों की दुर्बलता को नष्ट कर श्वास और खाँसी रोग को निर्मूल कर देता है !!

*मात्रा व अनुपान :-* १ से २ गोली, सुबह-शाम शहद के साथ या चिकित्सक के परामर्श अनुसार !!

*विशेष :-* श्वासचिन्तामणि रस (बृहत्) के साथ च्यवनप्राश का सेवन करने से लाभ में वृद्धि होती है !!

🌺🙏🏻🌺🌿🌷🌷🌷🌿🌺🙏🏻🌺

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

*एंटी डोज* (पुरानी दवाई का प्रभाव कम करना

*एंटी डोज* (पुरानी दवाई का प्रभाव कम करना) --बड़ी हरड का छिलका चुरण ढाई सौ ग्राम , सोडा बाइकार्ब 125 ग्राम, मिलाकर रखें । इसकी मात्रा 125 एम...