🌺🙏🏻🌺 *!! बिंदु घृत !!* 🌺🙏🏻🌺
*पेट का कचरा की सफाई/ दस्त लाने के लिए !*
*!! प्रयुक्त सामग्री !!*
√ आक का दूध ८ तोले, थूहर (सेहुड़) का दूथ २४ तोले , और निसोथ , हरड़ , कबीला, दन्ती, विष्णुकांता, चीता, पीपर, अमलतास का गूदा, शंखाहूली , नीलिनी सब ४/४ तोले ! इन सबको पानी के साथ पीसकर लुगदी कर लें !!
*बिंदु घृत बनाने की विधि !!*
सबसे पहले एक बर्तन पर एक सेर गोघृत और लुगदी और चार सेर पानी डालकर मंद आग पर पकाएं ! जब सारा पानी जल जाये व घी शेष रहे तब उतार कर छान लें व कांच के बर्तन में घी को सुरक्षित करें व नाम लिख दें !!
*!! मात्रा व सेवन विधि !!*
इस बिन्दु घृत को अत्यंत दूषित कोठे (उदर ) / सूजनयुक्त पेट, आठो प्रकार के उदर रोग , दुष्टगुल्म , व भगन्दर आदि रोगों में प्रयुक्त करना चाहिए !
इस बिन्दु घृत की मात्रा एक बूंद की है ! इस घी की जितनी बूंदे पी जाती हैं ! उतने ही दस्त होते हैं !! कहते हैं कि इस घृत को पेट पर लगाने मात्र से दस्त होने लगते हैं ! वैदक शास्त्र में यह घृत अनेक जगह लिखा है व विधि कुछ भिन्न है !! यह घृत उदर के अनेक विकारों को शान्त करता है !!
🌺🙏🏻🌺🌿🌷🌷🌷🌿🌺🙏🏻🌺
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें