गुरुवार, 16 मई 2019

अपस्मार (मिर्गी) 

🌹✍🏻    अपस्मार (मिर्गी)  ✍🏻🌹

जासु कृपा कर मिटत सब आधि,व्याधि अपार

तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

🌳🌺महिला संजीवनी 🌺🌳

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अपस्मार (मिर्गी) -

✍🏻!! यह रोग भी बहोत भयंकर है ! और औषधियों के सेवन करने से बड़ी कठिनता से जाता है ! ऐसे रोगो पर साधु सन्यासियों के बताए चुटकुले बड़े ही काम के सिद्ध होते है ! आपने देखा होगा कि साधू सन्यासी लोग मिर्गी के दौरे, सांप, बिच्छू आदि के काटने पर पांच मिनट ही रोगी को आराम कर देते हैं !!
मिर्गी का यह भयंकर रोग दौरे से आया करता है ! और दौरे के समय रोगी अचेत होकर भूमिशायी हो जाता है ! जब इस रोग का दौरा पड़ता है ! तो रोगी चाहे सड़क पर हो या जंगल में हो या कही भी हो तत्तकाल वहीं गिर जाता है ! और उसके मुंह से झाग आने लगता है ! इसका कारण यह होता है ! कि कफ के कारण दूषित मल मस्तिष्क की गति को बन्द कर देता है ! और चेतना सून्य होकर रोगी गिर जाता है ! हांथ पांव ऐंठने लगते है ! कभी कभी ऐंठन नही भी होती है ! यदि बार बार रोगी अपनी जीभ को काटे तो मस्तिष्क की दुर्बलता और मलाधिक्य के लक्षण हैं !! इसलिये आज हम आपको इसकी उपमा के लिये दो तीन उत्तमोत्तम प्रयोग भेंट करते हैं ! ईश्वर कृपा से निश्चय ही आपको इन प्रयोगों से यश व सम्मान की प्राप्ति होगी ! पर हमारे लिखने मात्र का उद्देश्य यह कि आप सभी इन नुस्खों का प्रयोग जहां कहीं ऐसा रोगी दिखे तो जरूर प्रयोग करें ताकी हमारी यह मेहनत बेकार न हो ! यही आप सबसे प्रार्थना करता हूं !!

   *!! मिर्गी रोग के चिकित्सकीय प्रयोग !!*

*✍🏻!! यह नुस्खे बहोत ही पुराने और बिशेष लाभदायक है ! इन योग को बहुत पहुंचे हुए महात्मा लोग ही जानते हैं ! यह योग किसी चिकित्सा ग्रन्थ में ढूड़ने से नही मिलेंगे ! एक बहोत ही पहुंचे हुए महात्मा से प्राप्त हुआ यह गुप्त प्रयोग आप सब के सामने लिख रहा हूं !!

               *प्रयोग १ : सन्यासी योग !!*

   पहली बार जिस देशी गाय ने बछड़ा दिया हो ! उस नर बछड़े का गोबर खरल में डालकर खूब खरल कर लें ! जब सूखने पर हो तो आक का दूध डाल ले और खरल करें ! फिर जब सूखने पर हो तो आक का दूध डाल लें ! और खरल करते रहें ! इसी प्रकार जब बीस बार आक का दूध पच जाये तब अच्छी तरह सुखाकर इसकी आधी मात्रा के बराबर काली मिर्च डालकर खरल कर रख पीसकर शीशी में रख लें !! 
जब कहीं मिर्गी का रोगी मिले तो आधी चावल के बराबर दवा रोगी के नाशा छिद्र पर डालकर किसी नली के द्वारा फूंक मार दें ! उसी समय रोगी को चेतना आ जाएगी !!

              *प्रयोग २ : सन्यासी धूनी !!*

खटमल नाम का कीड़ा जो प्राय: चारपाई में पाया जाता है ! उन्हे पकड़ पकड़ कर एक रुमाल में मारते जाएं ! जब रुमाल खटमल के रक्त से लाल हो जाए ! तब सुखाकर रख लें ! जब कभी मिर्गी का रोगी मिले तो रुमाल से २*२ इंच का टुकड़ा काटकर उस टुकड़े की बत्ती बना लें ! और बत्ती पर आग लगाकर उसका धुँवा रोगी की नाक पर पहुंचाएं ! रोगी तत्क्षण स्वस्थ हो जायेगा ! दूबारा जब कभी रोगी को ऐसा दौरा पड़े तो फिर वही क्रिया करें ! ऐसा तीन चार बार करने पर रोगी हमेसा के लिये मिर्गी रोग से मुक्त हो जायेगा !!

               *प्रयोग ३ : फकीरी योग !!*

यह नुस्खा है तो बहोत ही प्रभावी पर रोगी को बिना बताए ही करना होगा ! ईश्वर कृपा से दो तीन बार में ही रोगी को मिर्गी रोग से हमेसा की मुक्ति मिल जायेगी ! और फिर कभी दोबारा नही होगा !!
एक नग गधे की लीद ताजा निचोड़ कर उसका पानी निकाल लें ! औऱ दौरे के समय रोगी को पिला दें ! रोगी तत्काल होश में आकर सदा के लिये रोग मुक्त हो जायेगा !!

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🌳🕉🌺महिला संजीवनी 🌺🕉🌳
गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
9466623519
🌳🕉🌺संजीवनी परिवार 🌺🕉🌳
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