गुरुवार, 16 मई 2019

आयुर्वेदिक औषधियों की समाप्ति अवधि

आयुर्वेदिक औषधियों की समाप्ति अवधि
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ज़्यादातर आयुर्वेदिक औषधियों की एक विशिष्ट समाप्ति की अवधि होती है। इस लेख में, आप आयुर्वेदिक औषधि समूहों के शेल्फ जीवन और समाप्ति अवधि के बारे में सीख सकते हैं।

आयुर्वेदिक औषधियों का समूहशेल्फ जीवन

जड़ी बूटी से बना अंजन1 वर्ष

धातु के यौगिकों, रस या भस्म के साथ जड़ी बूटियों से बना

अंजन2 वर्ष

धातु के यौगिक, रस या भस्म के साथ बना अंजन3 वर्ष

अर्क12 महीने

आसव अरिष्टकोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)

अवलेह, लेह3 वर्ष

भस्म (सिवाय नाग भस्म, वंग भस्म, ताम्र भस्म के)कोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)

नाग भस्म, वंग भस्म, ताम्र भस्म5 साल (5 साल बाद ये  जमने लगती हैं और इसलिए 1 से 2 बार निस्तापन की क्रिया को दोहराया जाना चाहिए

चूर्ण2 वर्ष
दन्त मंजन चूर्ण2 वर्षदन्त मंजन पेस्ट2 वर्ष

धूपन (सांस द्वारा खींचने वाला)2 वर्ष

द्रवक, लवण, क्षार5 वर्ष

कान की औषधि2 वर्ष
आँख की औषधि1 वर्ष
घृत2 वर्ष
गुग्गुलु5 वर्ष
गुटिका और वटी (रस, धात्विक यौगिकों, भस्म के साथ जड़ी बूटियों से बनी गोलियां)5 वर्ष
गुटिका और वटी (केवल जड़ी बूटियों से बनी गोलियां)3 वर्ष
गुटिका और वटी (रस, धात्विक यौगिकों, भस्म के साथ बनी गोलियां, सिवाय नाग भस्म, वंग भस्म, ताम्र भस्म के)10 वर्ष
खंड , पाक, कणिका3 वर्ष

कूपीपक्व रसायनकोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)क्वाथ चूर्ण2 वर्ष
लौह (लौह संयुग्म)10 वर्ष
लेप चूर्ण2 वर्ष
लेप मल्हार (मरहम), तिला, जैल, लोशन, क्रीम3 वर्ष
मंडूर (लौह संयुग्म)10 वर्ष
मुरब्बा6 महीने
नाक की ड्रॉप्स2 वर्ष
पनक3 वर्ष
पर्पटी (सिवाय श्वेत पर्पटी के)कोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)श्वेत पर्पटी2 वर्ष
पिष्टीकोई समाप्ति तिथि नहीं (जितना पुराना उतना अच्छा)प्रवाही क्वाथ, कषायम (परिरक्षकों के साथ)3 वर्ष
रसौषधि (इन औषधियों में मुख्य रूप से शुद्ध पारद और शुद्ध गंधक होता है) – इसमें जड़ी-बूटियाँ या गग्गुलू भी होता है5 वर्षरसौषधि (इन औषधियों में मुख्य रूप से शुद्ध पारद और शुद्ध गंधक होता है) – इसमें केवल शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, भस्म, पिष्टी, धात्विक यौगिक होते हैं सिवाय नाग भस्म, वंग भस्म और ताम्र भस्म के10 वर्ष (यदि रसौषधि में नाग भस्म, वंग भस्म, ताम्र भस्म हैं,तब समाप्ति अवधि 5 वर्ष है)
जड़ी बूटियों का सत्व2 वर्ष
शर्बत3 वर्ष
शर्कर3 वर्ष
सिरप3 वर्ष
तेल, आयुर्वेदिक तेल3 वर्ष
वर्ती2 वर्ष

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