गुरुवार, 16 मई 2019

गन्धर्व हरीतकी क्या है कैसे बनायें

🌹✍🏻   गन्धर्व हरीतकी क्या है कैसे बनायें   ✍🏻🌹

जासु कृपा कर मिटत सब आधि,व्याधि अपार

तिह प्रभु दीन दयाल को बंदहु बारम्बार

🌳🌺महिला संजीवनी 🌺🌳

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गन्धर्व हरीतकी क्या है कैसे बनायें
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हरीतकी (Haritaki) उत्तम टॉनिक होने के साथ-साथ रेचक भी है यह आपके पेट के सभी रोगों में रामबाण है ये आपके लिए कब्ज, पेट दर्द, आफरा, गैस, बदहजमी, लिवर की तकलीफे तथा पाइल्स में यह बेहतरीन औषधि साबित होती है आचार्य भावमिश्र जी अपने भावप्रकाश का आरंभ हरीतकी से करते है-

गन्धर्व हरीतकी (Gandharva Haritaki) क्या है कैसे बनायें-
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आयुर्वेद के ऋषियों ने लिखा है-

    यस्य माता गृहे नास्ति, तस्य माता हरीतकी ।
    कदाचिद् कुप्यते माता, नोदरस्था हरीतकी ॥

भावार्थ-

जिन मनुष्यों के घर माँ नहीं है हरीतकी उनकी माँ समान हित करने वाली है माता तो कभी-कभी नाराज़ भी हो जाती है परन्तु खायी हुई हरड़ कभी भी अपकारी नहीं होती है-

जिसके घर मे माता नहीं है उसकी माता हरीतकी है कभी माता भी कुपित (गुस्सा) हो जाती है परंतु पेट मे गई हुई हरीतकी (हरड़) कुपित नहीं होती है आयुर्वेद के सबसे पुराने व प्रतिष्ठित ग्रंथ चरक संहिता मे महर्षि पुनर्वसु आत्रेय जो औषधि लिखी है उसमे सबसे पहली औषधि हरितकी लिखी है-

आज हम आपको शास्त्रोक्त आयुर्वेद का एक ऐसा ही योग बनाना सीखा रहे है जो कि एक मृदु विरेचन है और पेट के समस्त रोगों तथा अजीर्ण, फ़टी एडिया, मुँह के छाले, जोड़ो के दर्द, कमर दर्द, एड़ी के दर्द, पाइल्स, फिशर और मस्सों पर अधिक लाभदायक है-

इस योग की विशेषता यह है कि यह वात विकार को संतुलित करता है आयुर्वेद के हिसाब से बड़ी आंत वायु शथल है जब वायू कुपित होता है तब बड़ी आंत में ड्रायनेस बढ़ जाती है जिससे जोड़ो के दर्द तथा पाइल्स ओर फिशर फिस्टुला जैसी बीमारी होती है तब यह योग पेट की गंदगी निकालता है और आपके आंतो की सफाई भी करता है ये पेट की गर्मी निकालता है आंतो को अंदर से नरम और इलास्टिसिटी को भी बरकरार रखता है-

गन्धर्व हरीतकी (Gandharva Haritaki) बनाने की विधि-
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बाल हरड़ या छोटी हरड़- 200 ग्राम
एरंडी का तेल- 250 ग्राम

सबसे पहले आप एरंडी के तेल में 5-6 छोटी हरड़ डालकर तल लें चूँकि तले जाने पर हरड़ फूल कर दुगनी हो जाएगी तब इसे कड़ाही से निकाल लें और ऐसे ही सारी हरड़ तल लें तथा अब ठन्ड़ी होने पर मिक्सर में पीस ले अब आप साथ मे 15 ग्राम सेंधा नमक और 15 ग्राम पिपली चूर्ण मिलाए ये आपका गन्धर्व हरीतकी चूर्ण तैयार हो गया है-

कैसे सेवन करें-
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आप इसे रोज रातको सोने से पहले 1-1 चम्मच गर्म पानी से ले।

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🌳🕉🌺महिला संजीवनी 🌺🕉🌳
गुरुवेंद्र सिंह शाक्य
जिला -एटा , उत्तर प्रदेश
9466623519
🌳🕉🌺संजीवनी परिवार 🌺🕉🌳
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