बुधवार, 15 मार्च 2023

नपुंसकता

🥦 *संजीवनी रोग समाधान पोस्ट - 20*🏥🥦

🥦 *नपुंसकता क्या है ?????*🥦


*नपुंसकता क्या है ????*

 🥙 (1) *संयोग के समय उत्तेजना तो होती है, किन्तु कठोरता का न होना या प्रारम्भ में कुछ कठोरता उत्पन्न होकर नरम हो जाना अथवा प्राकृतिक स्तम्भन शक्ति न्यून हो जाना नपुंसकता का प्रारम्भिक लक्षण है।*

🥙 (2) *सूक्ष्म चेतनता का होना और फिर शिथिल हो जाना दूसरी अवस्था का लक्षण है ।*

🥙 (3) *मैथुन की इच्छा होते हुए भी उत्तेजना का न होना या सूक्ष्म होना तीसरी अवस्था का लक्षण है ।*
🥙 (4) *कामेच्छा का न होना और उत्तेजना भी न होना नपुंसकता का अन्तिम लक्षण है।*

इस युग में थोड़े मनुष्य ऐसे हैं जो सद्विचारों और सद्चरित्रता के कारण पूर्ण स्वस्थ हो, वरना दुराचारी प्रत्येक मनुष्य नपुंसकता की किसी-न-किसी स्टेज से अवश्य गुजर रहा है। जिसका सर्व साधारण को भान नहीं होता । उनकी आंखें तब खुलती हैं, जबकि वह तृतीय या चतुर्थ अवस्था के निकट पहुंच चुकते हैं। अतएव प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है कि अपनी पुंसकता शक्ति और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नियमों का पालन करे और समय पर किसी (Sexologist) यौन सम्बन्धी योग्य से परामर्श करता रहे। यदि निम्नलिखित चिन्हों में से किसी एक का लक्षण भी आप में उत्पन्न हो जाय तो तुरन्त सावधान हो जाइये और समय रहते हो उचित उपाय कीजिए ।

*नपुंसकता के चिन्ह*
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🥦(1) *जैसा कि हम पहले वर्णन कर चुके हैं कि आवश्यकता के समय उत्तेजना तो होती है किन्तु कुछ देर बाद गुप्तेन्द्रिय में शिथि लता आ जाती है, यह नपुंसकता का पूर्व रूप है ।*

🥦(2) *किसी स्त्री विशेष से सम्भोग करने में तो उत्तेजना होती है। किन्तु अन्य स्थान पर वह मिट जाती है। यह भी नपुंसकता का प्रारम्भिक चिन्ह है।*

🥦(3) *पुरुष का अंधकार या प्रकाश में उत्तेजित होना इसके विप- रीत न होना भी एक चिन्ह है ।*

🥦(4) *किसी विशेष वेश भूषा या रूप पर ही अथवा किसी आसन विशेष के समय ही कामेच्छा का जागृत होना और उसके विप- रीत न होने से भी यही अनुमान करना चाहिये ।*

🥦(5) *किसी समय विशेष अर्थात् अर्द्धरात्रि को या मध्याह्न में ही इच्छा होना, अन्य समय न होना या सर्वथा असम्भव होना ।*

🥦(6) *प्रबल इच्छा होकर कुछ क्षण बाद नाश हो जाना*

🥦 (7) *वीर्यपात के समय किसी प्रकार के आनन्द का अनुभव न होना।*

🥦(8) *संयोग के बाद एकदम शिथिलता और निर्बलता का अनुभव होना ।*

🥦(9) *स्त्री को आलिंगन चुम्बन करने से उत्तेजना होकर तत्काल गुप्तांग से लसिका-सी निकलकर शिथिल हो जाना या वीर्यपात हो जाना अथवा कार्य से पूर्व ही डिस्चार्ज हो जाना। यह नपुंसकता का बहुत ही खराब भेद है ।*

🥦(10) *प्रमेह, स्वप्नदोष भी इसी के पूर्व रूप हैं।*

🥦(11) *स्वस्थ अवस्था की अपेक्षा मूत्र धारा छोटी हो गई हो।*

🥦(12) *क्षणिक चेतनता बढ़ गई हो (यह हस्त मैथुन वालों को प्रायः ही होती है)।*

🥦(13) *मूत्र नली के मुख को तनिक दबाकर खोलने से यदि गोला दृष्टिगोचर हो तो भी प्रारम्भ समझें ।* 

🥦(14) *यदि सूत्र के साथ कभी-कभी सूक्ष्म धागे से आते हों या आगे- पीछे धातु गिरती हो ।*

🥦(15) *सोकर प्रातःकाल उठने पर थकावट अनुभव हो तो वह भी नपुंसकता की ओर बढ़ रहा है।*

🥦(16) *यदि मूत्र त्याग के समय कपकपी का तनिक-सा अनुभव हो तो यह नपुंसकता का संदेश समझना चाहिए।*

🥦(17) *यदि गुप्तांग या अण्कोष नीचे की ओर से अन्य शरीर को अपेक्षा कुछ शीतल हों या ढलकने लगे हों तो इसी का संक्षेप कारण समझ लें ।*

🥦(18) *सबसे अन्तिम नपुंसकता की वह सबसे बुरी किस्म है, जिसमें आलिंगन, चुम्बन, मर्दन तथा मानसिक उक्साहट पर भी उत्तेजित नहीं हो सकना ।*

मोटे मोटे चिन्ह बता दिए है पोस्ट लम्बी होने के कारण पोस्ट को विराम देते है

✍️🥒 *कोई भी सदस्य मेरी पोस्ट को काट कर या परिवर्तन कर अन्य ग्रुप में भेजता है तो उसे मेरे ग्रुप से विदा होना पड़ेगा ये विशेष ध्यान रखे।*🥒✍️

🥦Note - *कोई भी नुख्सा प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरुर ले कुछ अनुचित होने पर आप खुद जिम्मेदार होगे लेखक नही*
🥦 *वैद्य गुरुवेंद्र सिंह* 
🥦 *आयुर्वेदिक संजीवनी उपचार केंद्र ,ललितपुर उत्तरप्रदेश,* 🥦
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